जोधपुर। देश में बाल विवाह निरस्त की प्रणेता और सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी व पुनर्वास मनोवैज्ञानिक डॉ.कृति भारती ने सक्सेस टॉक्स प्रोग्राम में खुद के जिन्दगी में विक्टिम से सर्वाइवर और अब सेवियर बनने तक का सफर बता कर लोगों को प्रेरित किया। डॉ.कृति भारती ने समाज में नारियों को पूजने के बजाय सशक्त करने की जरूरत बताई। उन्होंने लोगों को परिस्थितियों से हार नहीं मानकर डटकर मुकाबला करने का भी मंत्र दिया। वहीं लोगों को सीख दी कि तुरंत कामयाबी नहीं मिलने पर मायूस नहीं हों, कामयाबी की रफ्तार सभी के लिए भले ही अलग अलग होती है, लेकिन एक दिन कामयाबी जरूर हासिल होती है। बस उसके लिए लगातार लक्ष्य पर निगाह रखनी पड़ती है।
बीकानेर में आयोजित सक्सेस टॉक्स में देश की चार प्रेरणादायी महिलाओं को शामिल किया गया था। जिसमें वर्ल्ड टॉप 10 एक्टिविस्ट और बीबीसी 100 प्रेरणादायक महिलाओं की सूची में शामिल डॉ. कृति भारती, कालबेलिया नृत्यांगना पद्मश्री गुलाबो सपेरा, एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल और सीनियर एकेडमिशियन डॉ. तनुश्री मुखर्जी ने अपने संघर्ष की कहानियों से युवाओं को प्रेरित किया। डॉ. कृति भारती ने सक्सेस स्टोरी में खुद के बचपन के संघर्षों से लेकर बाहर निकलने तक का सफर बताया कि 12 साल की उम्र में पहला क्रांतिकारी कदम उठाकर खुद का सरनेम बदल कर भारती यानि कि भारत की बेटी बनीं।
देश में बाल विवाह निरस्त की मुहिम पर अग्रसर
डॉ.कृति भारती ने सक्सेस स्टोरी में बताया कि सारथी ट्रस्ट की स्थापना कर देश का पहला बाल विवाह निरस्त करवाया। जानलेवा हमलों और धमकियों के बावजूद अब तक 52 जोड़ों के बाल विवाह निरस्त करवा दिए हैं। 2100 से ज्यादा बाल विवाह निरस्त करवा चुकी है। 50 हजार से अधिक लोगों को बाल विवाह नहीं करने की शपथ दिलवा चुकी है। वहीं लाखों महिलाओं व बच्चों का पुनर्वास किया है। अब तक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है। डॉ.कृति भारती ने लोगों को सीख दी कि विपरीत परिस्थितियों में भी घबराएं नहीं। परिस्थितियों का डटकर मुकाबला करें। उन्होंने खुद के जीवन में कई स्थितियों का उदाहरण देकर बताया कि किस तरह से संघर्षों को पार कर इंटरनेशनल स्तर तक का मुकाम हासिल किया हैं । इस दौरान सवालों के राउंड में युवाओं के सवालों का जवाब भी दिए।
जहां सशक्त नारी, वहीं देवताओं का वास
डॉ.कृति भारती ने प्राचीन श्लोक
यत्र नार्यस्तु पूज्यंते,रमन्ते तत्र देवता , को अब बदलने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि एक स्त्री कभी नहीं चाहती कि कोई उन्हें पूजे। स्त्रियों को तो सिर्फ जीवन का, सुरक्षा का, विकास का और आगे बढ़ने का अधिकार चाहिए था। इसके लिए प्राचीन श्लोक में बदलाव कर यत्र नार्यस्तु सशक्ते,रमन्ते तत्र देवता.. कर देना चाहिए। जिससे नारियों को केवल पूजने का दिखावा नहीं किया जाकर शोषण से बचाकर सशक्त किया जा सके।
सक्सेसफुल विमेन सम्मान से नवाजा
कार्यक्रम में सक्सेस टॉक्स के फाउंडर सुमित शर्मा ने स्पीकर्स का इंटरव्यू लिया। वहीं डॉ.कृति भारती व अन्य महिलाओं को पत्रकार हेम शर्मा और अतिथियों ने सभी स्पीकर्स, स्पॉन्सर्स, टीम अंब्रेला और संचालक समेत इस कार्यक्रम से जुड़े हर सहयोगी को 'सक्सेस टॉक्स' की रेप्लिका देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन-संजय पुरोहित ने किया तथा रोहित शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।