भारत में खनिज अन्वेषण के नए युग की शुरुआत
गोवा में मेगा रोड शो के साथ खनिज अन्वेषण लाइसेंस नीलामी का शुभारंभ

गोवा/जयपुर (ब्यूरो): एक ऐतिहासिक घटना के तहत, खनन मंत्रालय ने गोवा में एक मेगा रोड शो का आयोजन किया, जिसमें भारत के पहले महत्वपूर्ण खनिजों के अन्वेषण लाइसेंस (ईएलएस) की नीलामी की शुरुआत की गई। इस कार्यक्रम में केंद्रीय कोयला और खनन मंत्री जी. किशन रेड्डी और गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत की उपस्थिति रही, जो खनिज अन्वेषण में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने के सरकार के संकल्प को दर्शाता है।
इस रोड शो के दौरान 13 अन्वेषण ब्लॉकों की नीलामी की गई, जो दुर्लभ पृथ्वी तत्वों जिंक, हीरा और तांबा जैसे महत्वपूर्ण खनिजों पर केंद्रित थे। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देकर भारत के खनिज संसाधन आकलन को सशक्त बनाने और महत्वपूर्ण खनिजों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस कार्यक्रम की एक विशेष उपलब्धि तीन निजी संस्थाओं को अधिसूचित निजी अन्वेषण एजेंसियों (एनपीईएएस) के रूप में मान्यता देना था, जिसमें एनके एनवायरो सर्विसेज प्रा. लि. भी शामिल है। इस कंपनी का नेतृत्व सुनीता मंत्री कर रही हैं। एनके एनवायरो सर्विसेज प्रा.लि.भारत में सतत् पर्यावरणीय समाधान प्रदान करने वाली प्रमुख कंपनियों में से एक मानी जाती है।
निजी खनिज अन्वेषण क्षेत्र में सुनीता मंत्री कर रहीं नेतृत्व
सुनीता मंत्री, जो देश के निजी खनिज अन्वेषण क्षेत्र में एकमात्र महिला नेतृत्वकर्ता हैं, ने प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप अपने कंपनी के समर्पण को व्यक्त किया। उन्होंने मंत्रालय द्वारा निजी कंपनियों को मान्यता देने की पहल की सराहना की और इसे देश की खनिज अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने निजी खनन कंपनियों के लिए एकीकृत स्वीकृति प्रणाली को बढ़ावा देने और नवाचार व डिजिटलीकरण के माध्यम से अधिक युवा पेशेवरों को इस क्षेत्र में आकर्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
खनिज ब्लॉकों के लिए रोड शो व ए आई हेकाथॉन-2025 का शुभारंभ
इस कार्यक्रम में पांचवें चरण के महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों के लिए रोड शो के आयोजन के साथ ही ए आई हेकाथॉन-2025 का शुभारंभ किया गया, जिसका विषय था खनिज लक्ष्यीकरण में एआई का उपयोग। इन पहलों से अन्वेषण गतिविधियों में तेजी आने, निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ने और भारत की खनिज सुरक्षा व आत्मनिर्भरता को सुदृढ़ करने की उम्मीद है।खनन मंत्रालय की इस रणनीतिक पहल से भारत के अब तक अप्रयुक्त महत्वपूर्ण और गहरे स्थित खनिज संसाधनों को खोलने का मार्ग प्रशस्त होगा, जिससे देश खनिज अन्वेषण के क्षेत्र में एक नई दिशा में अग्रसर होगा और वैश्विक स्तर पर अपनी मजबूत स्थिति स्थापित करेगा।
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