159 साल पहले: स्थापित हुआ गुलाबी नगरी का पहला कन्या विद्यालय
नारी शिक्षा की नींव ऐतिहासिक विरासत की देन महाराजा बालिका विद्यालय का संचालन यहां 06 मई 1866 से महाराजा सवाई रामसिंह के समय से हो रहा है।
जयपुर: विद्यालय की स्थापना 06 मई 1866 में 3 छात्राओं के द्वारा की गई 159 साल पहले जयपुर में पहला कन्या विद्यालय पर्यावरण एवं स्वच्छता का संरक्षणता के साथ सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाली बालिकाओं एवं सर्वश्रेष्ठ परिणाम देने वाले शिक्षिकाओं का किया जायेगा सम्मान
छोटी चैपड पर कोतवाली थाना और महाराजा बालिका विद्यालय जिस हवेली में चलते है वह कालांतर में नाटाणियों की हवेली के नाम पहचानी जाती थी। राजस्व रिकाॅर्ड और पोथी खाने के रिकाॅर्ड में भी यह नाटाणियों की हवेली के नाम से दर्ज है। कोतवाली थाने और महाराजा बालिका विद्यालय का संचालन यहां 06 मई 1866 से महाराजा सवाई रामसिंह के समय से हो रहा है। कन्या विद्यालय स्थापित करने हेतु इसमें बिछाने की दरियां, कुर्सियां और मेजे लाने पर 90 रूपये दो आने खर्च हुये थे। जयपुर ही नहीं राजस्थान भर में 1866 ई. से पूर्व आधुनिक अर्थो में कोई कन्या विद्यालय नहीं खुला था। सात चैको की इस भव्य हवेली का निर्माण नगर सेठ स्वर्गीय लूणकरण भिखारीदास नाटाणी ने कराया था।
वर्ष 1968 से यह हवेली राजस्थान पुरावशेष स्थान एवं प्राचीन वस्तु अधिनियम के तहत संरक्षित घोषित है। कला एवं संस्कृति विभाग ने भी इसे संरक्षित घोषित किया हुआ है। यहां संचालित स्कूल का अपना एक रिकाॅर्ड है। राज्य का प्रथम फाईन आर्ट शुरू करने वाला यह बालिका विद्यालय है। जयपुर शहर का यह पहला बालिका विद्यालय है जिसका परीक्षा परिणाम प्रत्येक वर्ष शत-प्रतिशत रहा। वर्तमान में यहां लगभग 1500 बालिकाएं अध्ययनरत् है। 159 साल पहले जयपुर में पहला कन्या विद्यालय शुरू हुआ। धीरे धीरे यहां छात्राओं की संख्या बढने लगी और इस विद्यालय की ख्याति पूरी जयपुर रियासत में फैलती गई। सन 1967 में विद्यालय का शताब्दी दिवस मनाया गया। इसके अगले साल ही 1967 में इसके हीरक जयंती समारोह में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डाॅ. जाकिर हुसैन शरीक हुये जो इसके लम्बे इतिहास और कन्या शिक्षा केे क्षेत्र में किये गये अथक प्रयासों का सम्मान था।
इस विद्यालय में पढने वाली छात्राओं ने समय समय पर खेल जगत, शिक्षा जगत एवं जन सामाजिक कार्यो के साथ ही कई पूर्व अध्ययनरत् छात्राएं राजकीय/प्रशासनिक सेवाओं के साथ साथ सामाजिक एवं राजनैतिक क्षेत्रों में भी अपना एवं अपने विद्यालय के साथ प्रदेश का नाम भी रोशन कर रही है। जिनमें से उल्लेखनीय है पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा की पत्नी विमला शर्मा, पूर्व राज्यपाल कमला बेनीवाल, अभिनेत्री एवं सिंगर ईला अरूणा, लेखिका रमा पाण्डे आदि यही अध्ययनरत रह चुकी है। इसके साथ ही स्कुल की कई छात्राऐं आज यहां अध्यापिका भी है।
कुछ समय पूर्व शिक्षा के मंदिर की इस बेशकीमती हवेली पर भूमाफियाओं की नजर है। 159 वर्ष पूर्व से संचालित महाराजा बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की जमीन और भूमि को तथाकथित अतिक्रमणकारी द्वारा 04 फरवरी 2015 को माननीय न्यायालय की पालना में हासिल करने की नाकाम कोशिश की गई। विद्यालय की जागरूक छात्राओं एवं अध्यापिकाओं को इसकी जानकारी मिली तो उन्होने मोर्चा खोल दिया। विद्यालय की सम्पति बचाने के लिए जयपुर शहर की जनता, व्यापारियों एवं सामाजिक संस्थाओं ने जमकर समर्थन दिया।
वर्तमान में विद्यालय को स्मार्ट विद्यालय में शामिल किया गया है। साथ ही विधायक कोटे से बेटियों की सुरक्षा हेतु विद्यालय के समस्त प्रागंण में सीसी टीवी केमरे लगाय गये। साथ ही विद्यालय में स्वच्छ एवं ठण्डे पेयजल की सम्पूर्ण व्यवस्था सुचारू रूप से अखिल भारतीय नाटाणी परिवार द्वारा की गई। साथ ही बेटियों के विकास हेतु समय समय पर सांस्कृतिक, सामाजिक, खेल कूद एवं विभिन्न तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती रही है। जिससे बेटियों का समग्र विकास हो सके। वर्ष 2015 से विद्यालय में कक्षा प्रथम से बारहवीं तक कर दिया गया है। वर्तमान में विद्यालय में कृषि संकाय को छोडकर वाणिज्य, विज्ञान और कला वर्ग के सभी संकाय संचालित किये जा रहे है। अखिल भारतीय नाटाणी परिवार समिति केे राष्ट्रीय महामंत्री एवं िवद्यालय विकास प्रबधन समिति के गोविन्द नाटाणी ने जानकारी देते हुये बताया कि विद्यालय के विकास हेतु विद्यालय के सभागार भवन के जीर्णोद्वार एवं विद्यालय के विकास हेतु अखिल भारतीय नाटाणी परिवार समिति के द्वारा जीर्णोद्वार करवाया गया। विद्यालय के सर्वोगीण विकास एवं जीर्णोद्वार कराने पर अखिल भारतीय नाटाणी परिवार समिति को 23वां राज्य स्तरीय भामाशाह सम्मान के रूप में भामाशाह सम्मान से 28 जून 2017 को राज्य सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीमती वसुध्ंारा राजे द्वारा सम्मानित किया गया। विद्यालय की 150वीं जयंती 6 मई 2016 को मनाई गई। समिति के महामंत्री गोविन्द नाटाणी ने बताया कि विद्यालय में बालिकाओं के सर्वोगिण विकास हेतु 2014 से निरंतर बालिकाओं के उत्थान के लिये समय समय पर विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित करने के साथ ही शत प्रतिशत परिणाम देने वाली शिक्षिकाओं के साथ ही सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाली छात्राओं को भी समय समय पर सम्मानित किया जाता रहा है।
विद्यालय की आचार्य श्रीमती पुखराज आर्य ने बताया कि विद्यालय में बालिकाओं के सर्वागिण विकास हेतु समय समय पर सामाजिक सरोकारों के उत्थान के साथ सामाजिक कार्य के साथ ही पर्यावरण संरक्षण हेतु बालिकाओं को समय समय पर प्रोत्साहित किया जाता रहा है। साथ ही बालिकाओं के उत्थान के लिये समय समय पर अखिल भारतीय नाटाणी परिवार समिति द्वारा सहयोग प्रदान किया जाता रहा है। विद्यालय की स्थापना के पूर्व संध्या पर अखिल भारतीय नाटाणी परिवार समिति राष्ट्रीय महामंत्री गोविन्द नाटाणी ने वर्ष 2025-26 में सर्वाधिक अंक पाने वाली छात्राओं एवं सर्वश्रेष्ठ परिणाम देने वाली शिक्षकों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जायेगा। विद्यालय आचार्य श्रीमती पुखराज आर्य ने बताया कि विद्यालय की छात्रा निलांशी शर्मा सांस्कृतिक कार्यक्रम हेतु राष्ट्रीय स्तर पर एवं पलक सिंह राघव खुशनुमा शिवानी तन्वी तंवर मीनाक्षी शर्मा को राज्य स्तरीय हाॅकी टीम एवं रग्बी फुटबाल टीम में चयन किया गया।
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