डिजिटल मीडिया के दौर में बढ़ी पत्रकारिता की चुनौतियां

एचजेयू की ओर से मीडिया साक्षरता पर आयोजित की गई कार्यशाला

Mar 22, 2025 - 19:13
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डिजिटल मीडिया के दौर में बढ़ी पत्रकारिता की चुनौतियां
डिजिटल मीडिया के दौर में बढ़ी पत्रकारिता की चुनौतियां

जयपुर. हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय (एचजेयू) की ओर से शनिवार को मीडिया साक्षरता पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित इस कार्यशाला में मुख् वक्ता वरिष् टीवी पत्रकार प्रतीक त्रिवेदी थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुधि राजीव ने की।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रतीक त्रिवेदी ने कहा कि बाजार की बाध्यता हर तरह के मीडिया पर लागू है और टीआरपी के लिए टीवी की खबरें बाजार से प्रभावित होती हैं। टीवी पिछले 25-30 साल से बदल रहा है और अब बदलाव के दौर में टीवी मोबाइल पर देखा जा रहा है। डिजिटल मीडिया के दौर में हर व्यक्ति पत्रकार है, लेकिन यह संभव नहीं है कि हर व्यक्ति पत्रकार के रूप में अपनी भूमिका निभा सके। बिना जांच-पड़ताल के खबरों को लोगों तक लेकर जाना खतरनाक है।

 त्रिवेदी ने कहा कि डिजिटल मीडिया के दौर में कोई भी खबर वायरल हो सकती है, ऐसे में तथ्यों की जांच किए बिना उनको लोगों तक जाने से रोकना चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने डिजिटल मीडिया के प्रभाव की चर्चा करते हुए कहा कि लोगों ने खबरें टीवी पर देखना कम कर दिया है। मोबाइल ने यह चुनौती खड़ी की है। मोबाइल पर कौनसा डिजिटल कंटेंट वायरल होगा, यह तय करना चुनौतीपूर्ण है।

इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. सुधि राजीव ने कहा कि भावी पत्रकारों की यह जिम्मेदारी है कि यथास्थिति पर प्रश् उठाएं और पूर्वाग्रह के साथ होने वाली पत्रकारिता पर सवाल खड़े करें। प्रो. सुधि ने कहा कि हम पोस् ट्रुथ के जमाने में हैं, जहां पर सच को सामने लाना पहले से ज्यादा चुनौतीपूर्ण है। मीडिया साक्षरता की हमारी मुहिम का यही उद्देश् है कि सच्ची और पारदर्शी खबरें लोगों तक पहुंचें। मीडिया जिम्मेदार बने और मीडिया का उपयोग भी जिम्मेदारी के साथ हो।

वरिष् पत्रकार राजेश प्रियदर्शी नेरिपोर्टिंग में फेक् चेकिंग का महत्विषय पर बोलते हुए कहा कि बाजार के अपने नियम हैं और मीडिया का बिजनेस विश्वसनीयता पर टिका है। भरोसा खोना आसान है, लेकिन हासिल करना मुश्किल होता है। किसी विषय पर राय कुछ भी हो सकती है, लेकिन तथ् सबसे महत्वूपर्ण होता है। उन्होंने फेक् चेक में उपयोग होने वाले प्रमुख टूल् की जानकारी विद्यार्थियों के साथ साझा की। दूसरे सत्र में गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस् विश्वविद्यालय, नई दिल्ली की प्रो. तनु डांग ने डिजिटल मीडिया के दौर में फेक् चेक की आवश्यकता पर विस्तार से जानकारी दी।

कार्यक्रम की संयोजक गरिमा ने भी मीडिया साक्षरता पर चर्चा की। धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के कुलसचिव बी.एल. मेहरड़ा ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक, कर्मचारी और विभिन् विश्वविद्यालयों के शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित थे।       

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SJK News Chief Editor (SJK News)