ऑपरेशन से सबसे बड़ा ट्यूमर निकाला

सिर से लेकर पीठ तक रीड की हड्डी काटी, 6 माह से परेशान थीं महिला

Feb 15, 2025 - 21:52
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ऑपरेशन  से सबसे बड़ा ट्यूमर निकाला

जयपुर. एसएमएस हॉस्पिटल की न्यूरोसर्जरी टीम ने एक बड़ा आॅपरेशन करते हुए महिला मरीज को नया जीवन दिया। इस आॅपरेशन में महिला के दिमाग के ब्रेन स्टेम से लेकर पीठ के नीचे के हिस्से तक बने ट्यूमर (इंट्रामेडुलरी) को निकाला। ट्यूमर को निकालने के लिए रीड की हड्डी सिर से लेकर आधे धड़ तक एक भाग में पीछे से काटी गई, जो एक बड़ा चैलेंज था। फिर वापस जोड़कर 8 से 10 स्क्रू लगाए गए। आॅपरेशन के बाद महिला रिकवर हो रही है। उसे शनिवार को हॉस्पिटल से छुट्टी दी गई है। वहीं, डॉक्टरों का दावा है कि दुनिया में इससे पहले इतना बड़ा इंट्रामेडुलरी ट्यूमर (गांठ) कभी किसी मरीज के शरीर से नहीं निकाला गया है। इसे देखते हुए डॉक्टरों ने इस केस को इंटरनेशनल मेडिकल जनरल आॅफ न्यूरोसर्जरी में पब्लिश के लिए भेजा है।
डॉ. अचल शर्मा और डॉ. गौरव जैन ने बताया-जयपुर की रहने वाली लवीना (30) के चारों हाथ-पैर के हल्के लकवे की शिकायत थी। कई बार चलते-चलते गिर जाती। पिछले 6 माह से ज्यादा परेशान थीं। जयपुर में कई बड़े हॉस्पिटल और डॉक्टर्स को दिखाने के बाद जांच की तो पीठ के नीचे के हिस्से तक नस में ट्यूमर (इंट्रामेडुलरी) का पता चला। डॉक्टरों ने इसका इलाज केवल आॅपरेशन बताया। कहा-इस आॅपरेशन के बाद पूरे शरीर में लकवा आने के 99 फीसदी चांस है। डॉ. जैन ने बताया-अब तक की रिसर्च में हमें पता चला कि ये इंट्रामेडुलरी ट्यूमर अब तक सबसे बड़ा ट्यूमर है। इससे पहले जो आॅपरेशन करके इंट्रामेडुलरी ट्यूमर निकाला गया था वह ब्रेन स्टेम के मेडयूला भाग से डी4 तक था। हमने जो ट्यूमर निकाला वह ब्रेन स्टेम के मेडयूला भाग से डी5 तक फैला था।
8-9 घंटे का लगा समय
डॉ. गौरव जैन ने बताया-हमारी टीम ने मरीज को आश्वस्त किया कि जितना अच्छा हो सकेगा आॅपरेशन उतना अच्छा करेंगे। हमारे इस विश्वास दिलाने के बाद मरीज को 26 जनवरी को भर्ती किया। उसके बाद आॅपरेशन किया। इस आॅपरेशन में करीब 8-9 घंटे का समय लगा। आॅपरेशन के दौरान डॉ. मधुर, डॉ. हर्षिल, डॉ. सागर, डॉ. शोभा पुरोहित और एनिस्थिसिया से डॉ. नीलू शर्मा की पूरी टीम ने सहयोग दिया।
काटनी पड़ी सिर से धड़ तक की हड्डी
इस आॅपरेशन में ट्यूमर को निकालने के लिए रीड की हड्डी सिर से लेकर आधे धड़ तक एक भाग में पीछे से काटी गई, जो एक बड़ा चैलेंज था। हड्डी काटने के बाद ट्यूमर निकाला और उसे वापस अपनी जगह पर जोड़ा गया। इस हड्डी को जोड़ने के लिए 8-10 स्क्रू लगाए गए है।

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SJK News Chief Editor (SJK News)