संस्कारों की पुनर्स्थापना बनायेगी भारत को जगद्गुरु : देवनानी
देवनानी ने लक्ष्मणगढ में सामूहिक उपनयन एवं यज्ञोपवीत में लिया भाग
सीकर/लक्षमानगढ़: राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने बुधवार को सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ में आयोजित त्रिदिवसीय सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार (उपनयन) यज्ञानुष्ठान कार्यक्रम में भाग लिया। यह कार्यक्रम वैदिक परंपराओं के संरक्षण और युवा पीढ़ी में संस्कारों के संचार के उद्देश्य से आयोजित किया गया। देवनानी ने कहा कि हमारे देश की संस्कृति ही वह तत्व है जिसने हमारी सभ्यता को जीवन्त रखा है। मिस्र यूनान और रोम की सभ्यतायें मिट गई है। देश में मध्यकालीन तुर्क एवं मुगल आक्रमण एवं अंग्रेजो ने आधुनिक काल में हमारे संस्कारों एवं संस्कृति को मिटाकर सनातन सभ्यता को मिटाने का कुत्सित प्रयास किया, इसीलिए आज हमे अपने संस्कारों को पुनर्जागृत करने की आवश्यकता है।
देवनानी ने ये विचार आचार्य श्री नटवरलाल जोशी की स्मृति में सीकर जिले के लक्ष्मणगढ के आदर्श विद्यामंदिर में आयोजित त्रिदिवसीय सामूहिक उपनयन यज्ञोपवीत संस्कार तथा प्रशिक्षण कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में विचार व्यक्त किये।
देवनानी ने भारतीय ज्ञान प्रणाली में गुरू शिष्य परम्परा एवं यज्ञोपवीत विषय पर व्याख्यान दिया तथा उपनयन एवं यज्ञोपवीत को सरल भाषा में समझाया। देवनानी ने इस बात पर जोर दिया कि परिवार हमारे समाज की प्रमुख इकाई है तथा परिवारों को संस्कारों की वैज्ञानिकता समझते हुए नई पीढ़ी में इनका बीजारोपण करना होगा। उन्होंने कहा कि शिष्य परम्परा का क्षरण हुआ है, किन्तु योग्य शिक्षकों, शिष्यों एवं श्रेष्ठ संस्थाएँ अभी समाप्त नहीं हुई है।
देवनानी ने आचार्य नटवरलाल जोशी के सम्पूर्ण जीवन को संस्कृत-संस्कृति एवं समाज के लिए समर्पित बताते हुए लोगों से आग्रह किया कि राष्ट्रवाद और संस्कार एक दूसरे के पूरक है। समाज और परिवारजनों को श्री जोशी द्वारा चलाये गये वैदिक उपक्रमों और संस्कारों को निरंतर आगे बढाना होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय कुलगुरू अनिल राय ने की। कार्यक्रम में हरीराम रणवा, महेश शर्मा सहित गणमान्य नागरिक मौजूद थे। प्रारंभ में आचार्य नटवर लाल जोशी स्मृति की ओर से अपूर्व जोशी ने कार्यक्रम की पृष्ठभूमि बताई। कार्यक्रम का संचालन डॉ. आशीष जोशी ने किया। शशिकांत जोशी, हर्षनाथ सहरिया और श्री बुद्धिप्रकाश व्यास ने अतिथियों का सम्मान किया। आचार्य महेन्द्र जोशी के सानिध्य में स्वस्तिवाचन किया गया। इस मौके पर आदर्श विद्या मंदिर के प्रतिभाशाली छात्रों का सम्मान भी किया गया।
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