सुरक्षा के प्रहरी कर्मवीर योद्धा और समाज की साझा जिम्मेदारी
सतर्क नागरिक और सजग पुलिस मिलकर बने सुरक्षित प्रदेश की नींव

जयपुर /लोकेश जैन : आधुनिकता के दौर में आज तेजी से विकास हो रहा है, लेकिन इस विकास के साथ-साथ शहरीकरण, जनसंख्या वृद्धि और सामाजिक असमानता जैसी समस्याएँ भी बढ़ती जा रही हैं। इन सभी का सीधा असर समाज में आपराधिक घटनाओं की बढ़ोतरी के रूप में देखा जा सकता है। शहरों में भीड़-भाड़ बढ़ रही है, संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है, और इसी के साथ अपराधों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। इस चुनौतीपूर्ण समय में आम नागरिकों को सुरक्षा का जो एहसास होता है, वह केवल और केवल पुलिस प्रशासन की त्वरित कार्यवाही और सतर्कता से संभव है। चाहे वह दिन हो या रात, पर्व-त्यौहार हो या कोई संकट की घड़ी—हमेशा पुलिस ही वह स्तंभ रही है,जिस पर आमजन स्वयं और अपने परिवार की सुरक्षा की उम्मीद देखि हैं।
त्योहारों और विशेष अवसरों पर पुलिस की भूमिका
हर साल जब हम अपने परिवार के साथ उल्लास और हर्षोल्लास के साथ दिवाली, होली, ईद, क्रिसमस जैसे त्योहार मनाते हैं, तब कहीं न कहीं, सड़कों पर तैनात पुलिसकर्मी हमारी सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे होते हैं। जब हम अपने घरों में प्रसन्नता से भरे होते हैं, तब ये कर्मवीर योद्धा 24 घंटे मुस्तैदी से चौराहों, बाजारों और संवेदनशील इलाकों में ड्यूटी कर रहे होते हैं। ये वो असली नायक हैं जो अपने परिवार से दूर रहकर हमारी खुशियों की रक्षा करते हैं।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
आज जब हम अखबार खोलते हैं या न्यूज देखते हैं, तो हर रोज कोई न कोई आपराधिक घटना सामने आती है कभी चोरी, कभी लूट, कभी साइबर ठगी, तो कभी महिला उत्पीड़न। ऐसे में पुलिस की भूमिका और भी अहम हो जाती है। हर एक आपराधिक घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस विभाग द्वारा जो त्वरित कार्रवाई की जाती है, उससे जनता में सुरक्षा की भावना बनी रहती है। कई बार पुलिस ने अपनी सूझबूझ और त्वरित निर्णयों से बड़े हादसों पे लागम कसी हैं पुलिस की त्वरित कार्रवाई के ऐसे उदाहरण समाज में पुलिस के प्रति विश्वास को और गहरा करते हैं।
समाज की भी जिÞम्मेदारी
यह सोचना गलत होगा कि सिर्फ पुलिस ही अपराधों को रोक सकती है। एक सभ्य समाज के नागरिक होने के नाते हम सभी की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि हम भी सतर्कता बरतें और पुलिस प्रशासन का सहयोग करें। यदि किसी को संदिग्ध गतिविधि दिखे, या कोई अज्ञात व्यक्ति किसी स्थान पर घूमता नजर आए, तो तुरंत पुलिस को सूचित करना एक जागरूक नागरिक का कर्तव्य है।
आमतौर पर समाज में ऐसी धारणा बन जाती है कि हमें क्या लेना-देना, लेकिन यही उदासीनता कई बार बड़े अपराधों को जन्म देती है। समय की मांग है कि हर नागरिक सतर्क रहे और निस्वार्थ भाव से पुलिस का सहयोग करे। केवल शिकायत करने से समाधान नहीं होगा, समाधान तभी संभव है जब नागरिक और पुलिस साथ मिलकर काम करें।
जयपुर पुलिस की त्वरित कार्रवाई
बच्ची के गायब होने की सूचना मिलते ही जयपुर जवाहर सर्किल थाना पुलिस हरकत में आई। रात 2 बजे 25 दुकानें खुलवा आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, जयपुर (पूर्व) डीसीपी तेजस्विनी गौतम निर्देशन में पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एसीपी मालवीय नगर आदित्य पूनिया, एसीपी आदर्श नगर लक्ष्मी सुथार और थानाधिकारी मदनलाल कड़वासरा के नेतृत्व में कई टीमों का गठन किया। पुलिस ने महज साढ़े तीन घंटे में बच्ची को सकुशल बरामद कर पश्चिम बंगाल के रहने वाले आरोपी अशोक मंडल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। बच्ची को उसके परिजनों को सौंप दिया गया।
पुलिस द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान
पुलिस प्रशासन केवल अपराधों की रोकथाम तक सीमित नहीं है, बल्कि वह समाज में जागरूकता फैलाने का भी एक महत्वपूर्ण कार्य करता है। समय-समय पर विभिन्न प्रकार के अभियान चलाकर पुलिस जनता को सजग और सचेत करते है।
बालिका सुरक्षा अभियान
स्कूलों और कॉलेजों में जाकर बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए जाते हैं, उन्हें उनके अधिकारों की जानकारी दी जाती है।
महिला सशक्तिकरण
महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए कानूनी सहायता, हेल्पलाइन नंबर और जागरूकता सेमिनार समय समय पर आयोजित किए जाते हैं।
यातायात सुरक्षा अभियान
सड़कों पर बढ़ती दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हेलमेट की अनिवार्यता, सीट बेल्ट, शराब पीकर गाड़ी न चलाना जैसे संदेशों के माध्यम से जनजागरूकता फैलाई जाती है।
साइबर क्राइम जागरूकता
आज जब हर व्यक्ति इंटरनेट से जुड़ा है, तब साइबर ठगी एक गंभीर समस्या बन चुकी है। पुलिस द्वारा साइबर फ्रॉड से बचने के उपायों की जानकारी आमजन तक पहुँचाई जाती है। इन अभियानों में नागरिकों की भागीदारी से ही अपेक्षित सफलता मिल सकती है।
सामूहिक प्रयास की आवश्यकता
किसी भी देश या राज्य की सुरक्षा केवल हथियारों से नहीं, बल्कि जागरूक नागरिकों और निष्ठावान पुलिस बल के सामूहिक प्रयास से संभव होती है। यदि हम चाहते हैं कि हमारा समाज अपराधमुक्त और सुरक्षित बने, तो हर व्यक्ति को अपने हिस्से की जिÞम्मेदारी निभानी होगी।
एक जागरूक नागरिक न सिर्फ अपराध को रोक सकता है, बल्कि अगली पीढ़ी को एक सुरक्षित और अनुशासित समाज की नींव भी दे सकता है। सुरक्षा केवल पुलिस की जिÞम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज की सामूहिक सोच और सहयोग से ही संभव है। जिस प्रकार पुलिस दिन-रात हमारी रक्षा में लगी रहती है, उसी तरह हमें भी निस्वार्थ भाव से उनके प्रयासों का सम्मान और सहयोग करना चाहिए।
सोशल मिडिया के माध्यम से जयपुर (पूर्व) डीसीपी तेजस्विनी गौतम ने भी आमजन से पुलिस के साथ ताल मेल की बात कही जिस से सभी नागरिक सजक और सर्तक रहे। आज समय की मांग है कि हम मैं से ऊपर उठकर हम की सोच अपनाएं। एक सजग नागरिक और कर्मठ पुलिस के बीच तालमेल ही हमें सुरक्षित और समृद्ध समाज की ओर ले जाएगा। सतर्क रहें, सहयोग करें और सुरक्षित देश, प्रदेश और क्षेत्र के निर्माण में अपना योगदान दें। क्योंकि सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी है।
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