जिनशासन का दूसरा सूर्य अस्त

बुंदेलखंड के प्रथमाचार्य विराग सिंधु गणाचार्य श्री 108 विराग सागर जी गुरुदेव का महाप्रयाण

Jul 4, 2024 - 17:00
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जिनशासन का दूसरा सूर्य अस्त

महाराष्ट्र (लोकेश जैन) - भारत वर्ष की पावन भूमि सदैव नर रत्नों की जन्म दात्री रही है,जहाँ पर तीर्थंकरों ,यतिवरो तथा महापुरुषों ने जन्म लेकर पुरुषार्थ द्वारा ,त्याग ,तपस्या के माध्यम से अपना आत्म कल्याण किया।इस श्रंखला में आचार्य श्री विराग सागर जी ने जन्म लेकर भारतभूमि वसुंधरा को गोरवान्वित किया।

मध्य क्षेत्र के पथरिया दमोह जिला ,म.प्र. नगर में जब सूर्य उच्च शशि पथ पर भ्रमण कर रहा था तब 2 मई 1963 के दिन श्रावक श्रेष्ठ श्री कपूर चंद जी तथा माँ श्यामा देवी के घर यह युग की महान विभूति का अवतरण हुआ,जिसका नाम रखा गया ‘अरविन्द बाल अरविन्द जी ने कक्षा पांचवी तक की मौलिक शिक्षा ग्राम पथरिया में ही प्राप्त की और आगे की पढाई करने हेतु सन 1974 में ग्यारह वर्ष की आयु में अपने माता पिता से दूर कटनी आये। 

वहां पर श्री शांति निकेतन दिग. जैन संस्था में 6 वर्ष तक धार्मिक तथा लोकिक शिक्षा ग्रहण की।लोकिक शिक्षा ग्यारहवीं तक पूर्ण की।साथ में शास्त्री की परीक्षा भी उत्तीर्ण की।इस छह वर्ष की कालावधी में अनेक साधू -संतों का समागम प्राप्त हुआ,जो भावी जीवन की नीव डालने में साधनभूत हुआ। गणाचार्य विराग सागर महाराज की महाराष्ट्र में समाधि के समाचार से भारतवर्ष में सम्पूर्ण जैन समाज में शोक की लहर दौड़ गई चतुर्दशी की अर्धरात्रि में जिनशासन का दूसरा सूर्य अस्त हुआ ।

आचार्यश्री का जन्म दमोह जिले में हुआ था। आचार्य विद्या सागरजी के बाद 4 जुलाई को आचार्य विराग सागर की समाधि से जैन समाज को बड़ी क्षति हुई है। आचार्यश्री ने 300 से अधिक मुनि, आर्यिका को दीक्षित किया है।
फरवरी 2024 में आचार्य विद्यासागरजी महाराज के बाद जैन समाज के बड़े संत आचार्य विराग सागरजी महाराज की समाधि को बड़ी क्षति बताया गया है।फरवरी 2024 में आचार्य विद्यासागरजी महाराज के बाद जैन समाज के बड़े संत आचार्य विराग सागरजी महाराज की समाधि को बड़ी क्षति बताया गया है। जैन समाज के मुताबिक आचार्य श्री 300 से अधिक मुनि और आर्यिका को दीक्षित कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गणाचार्य विराग सागरजी महाराज के समाधि लेने पर विनम्र श्रद्धांजलि दी है। मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट संदेश में कहा है कि दिगंबर महामुनि संघ नायक, बुंदेलखंड के प्रथम जैन गणाचार्य श्री 108 आचार्य श्री विराग सागरजी महाराज समाधिस्थ हो गए हैं। विराग सागरजी महाराज के मंगलमय विचार और लोकहितकारी जीवन सर्वदा मानवता के कल्याण के दिव्य प्रकाश पुंड को देदीप्यमान रखेंगे। विनम्र श्रद्धांजलि।

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SJK News Chief Editor (SJK News)