स्वधर्मानयन की ओर लौटें भारत : आचार्यश्री महामंडलेश्वर ब्रह्मर्षि
जम्मू कश्मीर पूर्व उपमुख्यमंत्री श्रीमहालक्ष्मी शक्तिपीठ लोकार्पण में होंगे शामिल
लोनावाला (मुंबई) -कार्ला लोनावाला में आयोजित हो रहे महालक्ष्मी शक्तिपीठ प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में जम्मू और कश्मीर के पूर्व उप मुख्यमंत्री कवीन्द्र गुप्ता सपत्नीक अनुष्ठान में शामिल होंगे। आयोजन के मुख्य यजमान राजेन्द्र एवं गौरव गुहाले वाला द्वारा इस भव्य मंदिर का निर्माण महाराजा अग्रसेन परिसर में। करवाया गया हैं।
महालक्ष्मी शक्तिपीठ प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के आयोजन संयोजक डॉ. महेन्द्र आचार्य के अनुसार प्राणप्रतिष्ठा समारोह के मुख्य संरक्षक द्विपीठाधीश्वर ब्रह्मलीन स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के उत्तराधिकारी तथा द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानन्द सरस्वती जी महाराज के प्रवचन पादुका पूजन कार्यक्रम में शंकराचार्य परम्परा की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय आध्यात्मिक उत्थान मण्डल के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य नटवरलाल जोशी, अग्नि अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर रामकृष्णानंद के साथ पूर्व मुख्यमंत्री की उपस्थिति भी रहेगी, इस अवसर पर वे उनके साथ विभिन्न सनातनी विषयों पर चर्चा भी करेंगे।
गुप्ता, जम्मू और कश्मीर के कद्दावर नेताओं में हैं, वे वहाँ विधानसभा के अध्यक्ष तथा उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इसके साथ ही महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, पंजाब, हिमाचल, दिल्ली सहित अनेक राज्यों में चुनाव संयोजक रह चुके हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री राजनैतिक कार्यकाल से पूर्व विश्व हिन्दू परिषद और अखिल विद्यार्थी परिषद से सम्बद्ध भी रहे हैं।
अपनी यात्रा के दौरान वे जम्मू और कश्मीर की अमन शान्ति हेतु कार्ला गुफा में स्थित सनातनी शक्तिपीठ एकवीरा में विशेष पूजन भी करेंगे।
अभावग्रस्त लोगों की मदद करने से धर्मांतरण पर लगेगी रोक*: आचार्यश्री महामंडलेश्वर ब्रह्मर्षि
प्रत्येक सक्षम भारतीय अपने सामर्थ्यको जागृत करते हुए उन भारतीयों को सहयोग करें जो अभी भी अभावग्रस्त हैं। इस प्रक्रिया से स्वतः स्वाभाविक रूप से तेजी से फैल रहें धर्मांतरण पर रोक लगेगी। ज्ञात रहें ब्रह्मलीन स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती द्वारा स्थापित संस्था अखिल भारतीय आध्यात्मिक उत्थान मण्डल विगत सात दशक से इस क्षेत्र में काम कर रही हैं कि धर्मांतरण हो ही नहीं और किसी लालच से हो भी जाएं तो उनके पुनः स्वधर्मानयन का मार्ग प्रशस्त रहें।
पंच अग्नि अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर ब्रह्मर्षि रामकृष्णानन्द, अमरकंटक ने आगे बताया कि मण्डल के प्रक्रम झारखण्ड, छत्तीसगढ़, गुजरात सहित अनेक शहरों से दूर ग्रामीण, वनांचल में चल रहे हैं, जहाँ उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और संस्कार के साथ ही अन्नपूर्णा क्षेत्र के द्वारा भोजन की व्यवस्था उपलब्ध हैं ताकि कोई लाचार होकर, लालच में धर्म का त्याग न करें।
महामंडलेश्वर ने इस अवसर पर सनातन के नाम पर उभरे स्वयम्भू धर्माचार्यो से सावधान रहने पर बल दिया तथा शंकराचार्य परम्परा के अतीत से वर्तमान को स्पष्ट किया।
कार्ला लोनावाला में आयोजित हो रहे महालक्ष्मी शक्तिपीठ प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में उन्होंने नर्मदा की महिमा के बारे में बताया, नर्मदा के महत्व के बारे में बताया, माता लक्ष्मी के रूपों के बारे में बताया ।
शंकराचार्य परम्परा की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय आध्यात्मिक उत्थान मण्डल के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य नटवरलाल जोशी की विशेष उपस्थिति रही।
महालक्ष्मी मन्दिर-महाराजा अग्रसेन पैलेस के मुख्य यजमान राजेन्द्र एवं गौरव गुहालेवाला ने स्वागत अर्चन एवं पादुका पूजन किया।
श्री महालक्ष्मी मन्दिर में प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन संयोजक डॉ. महेन्द्र आचार्य के अनुसार अंतर्गत आज विद्वानों के द्वारा भगवत प्रतिमाओं का जलाधिवास रहा। प्रस्थान से पूर्व ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज से अनेक प्रवासियों ने दीक्षा के माध्यम से मन्त्र-इष्ट देवता को प्रतिष्ठित किया।
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