समावर्तन संस्कार का प्रयोग पूर्ण हुआ
दीक्षांत समारोह संपन्न नए उपनीत बटुकों को प्रमाण पत्र वितरित पण्डितों का सम्मान प्रबुद्ध जनों का अभिनन्दन संध्या विधि पर हुआ मंथन

लक्ष्मणगढ़ : विद्या भारती के सौजन्य से संचालित आदर्श विद्या मंदिर लक्ष्मणगढ़ परिसर भारत सरकार शिक्षा मन्त्रालय के अन्तर्गत संचालित केन्द्रीय विश्वविद्यालय के सहकार से मीडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित भारतीय ज्ञान परंपरा में गुरु-शिष्य परम्परान्तर्गत उपनयन संस्कार विषयक कार्यशाला और सामूहिक यज्ञोपवीत-वेदारम्भ-समावर्तन संस्कार के त्रिदिवसीय अनुष्ठान की आज पूर्णाहुति हुई।
आयोजन के मुख्य सूत्रधार शशिकांत जोशी ने सर्वप्रथम मंचस्थ सभी का स्वागत किया।
इस अवसर पर नए उपनीत नतीजों को प्रमाणपत्र वितरित किए गए, राजकुमार खिरवेवाला, लक्ष्मीनारायण खाटूवाला, पंकज नाऊवाला, भवानी जाजोदिया, अजित सिंह शेखावत, नितिन शर्मा, प्रतीक हरितवाल, हिमांशु पारीक आदि प्रमुख रहें।
समावर्तन व्याख्यान ने आचार्य महेन्द्र तथा बीकानेर के वैदिक विद्वान भंवरलाल शास्त्री ने अपना विषय रखा। संध्या वंदन के समय की जाने वाली मुद्राओं की जानकारी दी तथा साथ हो साथ संध्या वंदन करने की विधि व महत्व समझाया।
यज्ञानुष्ठान से जुड़े परम्परागत आचार्यों का इस अवसर पर सम्मान किया गया, जिसमें शेखावाटी क्षेत्र के निष्णात पण्डित चंद्रशेखर जोशी, पंडित विष्णु जोशी, श्री अमरचंद पुजारी, मनोज पाराशर और पण्डित बलराम इंदौरिया उल्लेखनीय हैं।
आयोजन के चर्चा सत्र में पंडितों ने उपनयन के साथ ही संध्या, वैदिक हवन आदि पर चर्चा की।
गुरु-शिष्य परंपरा के अनेक प्रौढ़ विद्वानों का अभिनन्दन किया गया, जिसमें शेखावाटी में रुद्री के विशेष अभ्यास
के लिए रुद्री सम्राट के रूप में सांवरमल शर्मा सिनवाली, मुरारी लाल महर्षि, महावीर डोटासरा उल्लेखनीय हैं।
वक्ताओं में विनोद पारीक ने आचार्य जोशी के जीवन को एक प्रेरणा बताया। राजकुमार खिरवेवाला ने अपने उपनयन के बाद के अनुभव की दिव्यता को बताया, साथ ही इसे पुनर्जीवन बताया ।
मुख्य अतिथि मुरारीलाल महर्षि ने बताया कि जोशी जी का जीवन एक नदी के प्रवाह की तरह था उनकी सादगी वह सौम्यता को प्रेरणादायक बताया ।
पुरुषोत्तम मिश्रा ने बताया कि इतनी संस्थाओं को सहज भाव से चलने वाले गुरु जी के जीवन के कई प्रसंग उन्होंने बताएं।
अन्य वक्ताओं में सागरमल शर्मा, उपेंद्र मिश्रा, विश्वम्भर लाल जोशी, गीता प्रचारक दिल्ली निवासी दीपचंद शर्मा ने आचार्य जोशी जी को याद करते हुए कई अपने शैशव से उनकी प्रेरणा को याद किया। इस कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए ऐसे कार्यक्रमों की महती आवश्यकताओं के बारे में बताया।
अध्यक्ष अर्जुन अवॉर्डी सुरेश मिश्रा ने अपने गुरु और अभिभावक को स्मरण किया और उनकी सामाजिक उत्थान की गतिविधियों को सतत करने में मनसा वाचा कर्मणा संलग्न रहने का संकल्प व्यक्त किया।
नगर के अनेक गणमान्य इस दौरान उपस्थित रहें जिनमें मनोज दाधीच, बुद्धि प्रकाश व्यास, विजय कुमार जोशी पीयूष शर्मा -नवलगढ़, प्रभु दयाल इंदौरिया, मनोज कुमार सुरोलिया, अमित पाराशर, श्रवण शर्मा, आरके तिवारी, करौली के शिक्षाविद अर्पित शर्मा, जयपुर के वरिष्ठ पत्रकार लोकेश जैन, भरतपुर के सामाजिक कार्यकर्ता रूपेन्द्र सिंह, उज्जैन से आए आचार्य रवि , महावीर प्रसाद डोटासरा, हर्षनाथ नाहरिया, भानु प्रकाश जोशी, विकास तुनवाल, सुशील कुमार, किशन व्यास, अरुण नाहरिया, अभिनव जोशी, अनिल शर्मा, उमेश मिश्रा, सांवरमल शर्मा, विष्णु शर्मा पार्षद, रवि जोशीआचार्य अद्वैत जोशी, संतोष इंदौरिया, नवीन जोशी, प्रमोद नरसासवाले, आदर्श विद्या मंदिर के प्राचार्य अशोक पारीक, प्रवीण जोशी आदि उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन आशीष जोशी ने किया आए हुए अतिथियों का बटुकों का गणमान्य नागरिकों का आभार व्यक्त अमित शर्मा ने किया।
संस्थान की और से अगला आयोजन श्रावणी कर्म का रहेगा, उसके लिए सभी ने संकल्प लिया। अन्त में सबने समवेत स्वर में प्रार्थना की। इस प्रकार विद्या भारती के सौजन्य से संचालित आदर्श विद्या मंदिर लक्ष्मणगढ़ परिसर में त्रिदिवसीय कार्यशाला संपन्न हुई।
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