जयपुर के लिए ड्रेनेज तथा सीवरेज का बनाएं मास्टर प्लान - मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने ली जयपुर के लिए आपदा प्रबंधन की समीक्षा बैठक शहर की साफ-सफाई, ड्रेनेज, जल भराव, बिजली के खुले तारों सहित अनेक पहलुओं पर की समीक्षा
जयपुर, 13 अगस्त। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मंगलवार को गत कुछ दिनों में जयपुर में हुई भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति के संबंध में मुख्यमंत्री निवास पर उच्चाधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि भारी बारिश से जयपुर शहर की साफ-सफाई, ड्रेनेज, सीवरेज, क्षतिग्रस्त सड़कों सहित विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी जयपुर शहर का दौरा करें तथा मुख्यमंत्री कार्यालय में इसकी प्रगति रिपोर्ट भिजवायें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रभावित इलाकों में लोगों को तत्काल राहत पहुंचाई जाये तथा बचाव एवं राहत कार्यों में संवेदनशीलता के साथ काम करें।
शर्मा ने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि शहर के सभी नालों एवं ड्रेनेज सिस्टम की नियमित सफाई की जाए ताकि बारिश के समय उनमें अवरोध ना उत्पन्न हो। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाए कि कहीं पर भी जलभराव जैसी स्थिति उत्पन्न ना हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नालों पर हो रहे अतिक्रमण को सख्ती से हटाया जाए। उन्होंने बैठक में स्पष्ट कहा कि अपनी जिम्मेदारी से कोताही बरतने वाले प्रत्येक कार्मिक पर सख्ती से कार्यवाही की जाएगी।
जेडीए और नगर निगम के अधिकारी आपसी समन्वय से काम करें
मुख्यमंत्री ने जयपुर विकास प्राधिकरण एवं नगर निगम विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे आपस में समन्वय के साथ काम कर टूटी हुई सड़कों की मरम्मत तथा सड़क के गड्डों को भरने पर विशेष ध्यान दें, जिससे दुर्घटनाओं से बचा जा सके। उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन परिस्थितियों में अलर्ट मोड पर काम करते हुए किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए सभी प्रकार की तैयारियां रखें। उन्होंने कहा कि जयपुर शहर की साफ-सफाई, ड्रेनेज, सीवरेज, जलभराव सहित विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए हर 10 दिन में संबंधित विभाग बैठक लें।
कंट्रोल रूम से प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही की रिपोर्ट भेजें मुख्यमंत्री कार्यालय
शर्मा ने शहर में ट्रांसफार्मरों के खुले तारों पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए अधिकारियों को आज ही मौका मुआयना कर सभी ट्रांसफार्मर के रख-रखाव के निर्देश दिये जिससे किसी भी तरह की दुर्घटना ना हो। उन्होंने कहा कि एक ऐसा सिस्टम विकसित किया जाये जिससे प्लेटफार्म बनाकर उस पर ट्रांसफार्मर लगाया जाये। उन्होंने पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि दुर्घटना के खतरे वाले क्षेत्रों में साइन बोर्ड लगाकर पुलिसकर्मी तैनात किए जाएं। उन्होंने संबंधित विभागों को 24X7 कंट्रोल रूम संचालित करने के निर्देश दिए। साथ ही, वहां आ रही प्रत्येक समस्या पर हुई कार्यवाही की जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय में भी भेजने के निर्देश दिए।
भविष्य को देखते हुए जयपुर के लिए बनाएं कार्य योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर में पानी निकासी की व्यवस्था को प्रभावी एवं सुदृढ़ बनाने के लिए भविष्य को देखते हुए कार्ययोजना बनायी जाये। उन्होंने कहा कि इस तरह कि समस्याओं के समाधान के लिए शहर का डेªनेज एवं सीवरेज का मास्टर प्लान बनाया जाए, जिससे दीर्घकालीन समय में जलभराव जैसी चुनौतियों का बेहतर तरीके से निपटान किया जा सके। मुख्यमंत्री ने बाधित पेयजल की सप्लाई को समय पर दुरूस्त करने, जलभराव के खतरों के बारे में जनता को जागरूक करने, आपातकालीन सेवाओं को मजबूत करने सहित विभिन्न पहलुओं पर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय शिखर अग्रवाल, प्रमुख शासन सचिव सार्वजनिक निर्माण प्रवीण गुप्ता, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय आलोक गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव नगरीय विकास टी. रविकान्त, आयुक्त जयपुर विकास प्राधिकरण श्रीमती मंजू राजपाल, जयपुर कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित, हाउसिंग बोर्ड के आयुक्त इन्द्रजीत सिंह, जयपुर ग्रेटर नगर निगम आयुक्त श्रीमती रूकमणि रियार सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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