शिक्षा एक महत्त्वपूर्ण सेवा -शासन सचिव, स्कूल शिक्षा
स्कूल शिक्षा विभाग की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक
जयपुर, 15 जून। शासन सचिव स्कूल शिक्षा कृष्ण कुणाल ने कहा कि शिक्षा एक महत्त्वपूर्ण सेवा है तथा शिक्षक का समाज में सम्मानजनक स्थान है।
कुणाल शनिवार को इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में आयोजित स्कूल शिक्षा विभाग की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।
शासन सचिव ने कहा कि विभागीय अधिकारी संवेदनशील रहकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि समन्वय कर ड्रॉप आऊट छात्रों को पुनः शिक्षा से जोड़े एवं प्रवेशोत्सव में कोई भी बालक विद्यालय में नामांकन से वंचित ना रहे। कम परीक्षा परिणाम वाले जिलों को अध्ययन में सुधार पर विशेष ध्यान देने, पुस्तकालयों का उपयोग सुनिश्चित करने, निर्धारित टाईम टेबल के अनुसार समय पर पाठ्यक्रम पूर्ण करने, दक्षता आधारित शिक्षा पर फोकस करने, स्मार्ट क्लास का अधिकतम उपयोग करने, छात्रवृति एवं निःशुल्क पाठ्य पुस्तकों का समय पर वितरण सुनिश्चित करने, साइकिल वितरण का कार्य सत्र के प्रारंभ में करने, मानसून के दौरान अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने तथा 29 जून को आयोजित होने वाले मुख्यमंत्री रोजगार मेले के लिए सूचना भिजवाने के निर्देश दिये।
राज्य परियोजना निदेशक अविचल चतुर्वेदी ने समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत संचालित कार्यक्रम की मॉनिटरिंग करने, आंगनबाड़ी एवं बाल वाटिका के संचालन की निगरानी, मेंटोर टीचर की नियमित उपस्थिति, प्रभावी पर्यवेक्षण, गुणवत्ता पूर्ण सामग्री की पहुंच सुनिश्चित करने, राष्ट्रीय अविष्कार अभियान, ओ-लेब, आईसीटी लेब, स्मार्ट क्लास रूम, रोबोर्टिक्स लेब, आपणी लाडो, समावेशी शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा, आरईआई सहयोगी संस्थाओं की गतिविधियों एवं कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों की मॉनिटरिंग के निर्देश दिये।
आयुक्त मिड-डे मील, विश्वमोहन शर्मा ने स्कूलों में न्यूट्रिशन गार्डन तैयार करने एवं फलदार वृक्ष लगाने, कृष्ण भोग योजना के अन्तर्गत सामूदायिक सहभागिता को प्रोत्साहित करने, अतिथि माता अवधारणा के अन्तर्गत महिला अभिभावकों को मुख्य अतिथि बनाकर भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
निदेशक माध्यमिक शिक्षा, आशीष मोदी ने कहा कि देश में डिजिटल प्रवेशोत्सव की पहल करने में राजस्थान अग्रणी राज्य है। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों का 52 बिन्दुओं पर आधारित स्वास्थ्य संबंधी सर्वेक्षण किया जायेगा।
निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा, सीताराम जाट ने आरटीई में प्रवेश के संबंध में प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही करने, निजी विद्यालयों द्वारा ली जाने वाली वास्तविक फीस तथा पोर्टल पर अपलोड फीस में अन्तर की जाँच करवाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि विद्यालय द्वारा अभिभावक शिक्षा समागम के गठन में सदस्यता के लिए अब अभिभावक ऑनलाइन आवेदन करेंगे एवं अभिभावक सदस्यता लॉटरी द्वारा निर्धारित की जायेगी। जिससे निजी विद्यालय मनमर्जी से अपने चहेते लोगों को सदस्य नही बना सकेंगे।
इस दौरान बैठक में डी.एल.एड परीक्षा के आयोजन, कार्मिकों की भर्ती, पदोन्नति, पेंशन प्रकरण, न्यायालयों में विचाराधीन प्रकरण, नकारा एवं अनुपयोगी सामान के निस्तारण, विद्यालय भवनों की मरम्मत आदि की भी समीक्षा कर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिये गये।
विशिष्ट शासन सचिव श्रीमती चित्रा गुप्ता ने बैठक के समापन पर धन्यवाद ज्ञापित किया। बैठक में संभाग एवं जिलास्तरीय शिक्षा अधिकारी उपस्थित रहें।
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