गैर संक्रामक रोगों से संबंधित कार्यक्रमों को और मजबूत बनाएंगे— चिकित्सा मंत्री
डायबिटीज से बचाव के लिए मिशन मधुहारी किया प्रारंभ
जयपुर । चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में डायबिटीज, कैंसर और हृदय रोग काफी तेजी से बढ़े हैं। यह हमारे लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विभाग गैर संक्रामक रोगों के उपचार, रोकथाम एवं आमजन में जागरूकता के लिए प्रतिबद्धता के साथ आवश्यक कदम उठा रहा है। प्रदेश में गैर संक्रामक बीमारियों से संबंधित कार्यक्रमों को और मजबूत बनाया जाएगा।
चिकित्सा मंत्री सोमवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन तथा क्लिंटन फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में टाइप-1 डायबिटीज से बचाव के लिए प्रारंभ किए गए कार्यक्रम ‘‘मिशन मधुहारी‘‘ पर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में दैनिक जीवन के अनुशासन में लापरवाही के कारण लोग कई गंभीर रोगों को शिकार हो रहे हैं। इनसे बचाव के लिए हमें स्वस्थ जीवन-शैली अपनानी चाहिए।
खींवसर ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने स्वास्थ्य को सर्वोच्च स्थान देते हुए कहा था कि ‘पहला सुख निरोगी काया‘। यह हमारे जीवन का मूल मंत्र होना चाहिए। उन्होंने कहा कि डायबिटीज रोग होने के बाद भी संयमित एवं अनुशासित जीवन-शैली अपनाकर सामान्य जीवन जी सकते हैं। बच्चों में टाइप-1 डायबिटीज रोग का होना दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन नियमित उपचार एवं खान-पान का ध्यान रखकर ऐसे बच्चों को स्वस्थ रखा जा सकता है। इससे बचाव के लिए मिशन मधुहारी शुरू कर संवेदनशील पहल की गई है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में व्यापक जनजागरूकता गतिविधियां संचालित की जानी चाहिए।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि राजस्थान में गांव-ढाणी तक चिकित्सा का वृहद् ढांचा स्थापित है, जिसके माध्यम से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। हमारा प्रयास है कि संक्रामक एवं गैर संक्रामक बीमारियों के समुचित उपचार के साथ-साथ ऐसी गतिविधियां बढ़ाई जाएं, जिनके माध्यम से आमजन इन बीमारियों से बचाव के उपाय अपनाने के लिए प्रेरित हो सकें।
निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने कहा कि गैर संक्रामक रोगों से बचाव एवं उपचार के लिए संचालित कार्यक्रम को व्यापक दृष्टिकोण देते हुए इसमें कैंसर, हाइपरटेंशन, डायबिटीज आदि रोगों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत में 8 लाख 60 हजार से अधिक लोग टाइप-1 डायबिटीज से ग्रसित हैं। उन्होंने बताया कि इससे बचाव के लिए जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही, एक प्रभावी रोडमैप भी तैयार किया जा रहा है।
सेमिनार को फ्रेंड्स ऑफ मेवाड़ की श्रीमती पद्मजा कुमारी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर टाइप-1 डायबिटीज से बचाव एवं जागरूकता से संबंधितअ अभियान ‘मिशन मधुहारी‘ के पोस्टर का विमोचन भी किया गया। सेमिनार में संयुक्त निदेशक डॉ. सुनील सिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जयपुर द्वितीय डॉ. हंसराज सहित चिकित्सा विशेषज्ञ एवं इस क्षेत्र से जुडे़ प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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