शिक्षा में पर्यावरण का विषय: स्वच्छ और स्वस्थ दुनिया में भविष्य की कुंजी
ईईएसपीएल व आईसीएफएआई पर्यावरण संबंधी पाठ्यक्रम शुरू करेंगे एनके एनवायरो सर्विसेज व इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टेड फाइनेंशियल एनालिस्ट के बीच हुआ एमओयू
जयपुर। पर्यावरणीय संकट और जलवायु परिवर्तन की बढ़ती चिंताओं के बीच, शिक्षा प्रणाली में पर्यावरण विषय का समावेश अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है। यह पहल न केवल वर्तमान समस्याओं का समाधान करने में मदद करेगी, बल्कि एक स्वच्छ और स्वस्थ भविष्य की नींव भी रखेगी। पर्यावरण शिक्षा न केवल छात्रों को जागरूक बनाएगी, बल्कि उन्हें पर्यावरण संरक्षण के प्रति जिम्मेदार नागरिक भी बनाएगी। पर्यावरण की उपयोगिता को देखते हुए
एनके एनवायरो सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (ईईएसपीएल) और इंस्टीट्यूट आफ चार्टेड फाइनेंशियल एनालिस्ट ऑफ इंडिया (आईसीएफएआई) पर्यावरण प्रबंधन से जुड़े पाठ्यक्रम कोर्सेज शुरू करेंगे। इस संबंध में दोनों संस्थानों के प्रमुखों की शुक्रवार को यहां जयपुर में होटल हिल्टन में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। मिटिंग में महत्वपूर्ण चर्चा हुई। साथ ही पर्यावरण प्रबंधन के लिए इन्क्यूबेशन एंड इनोवेशन के लिए साझेदारी पर सहमति हुई।
दोनों प्रमुखों की बैठक में आपसी सहयोग से पर्यावरण से संबंधित कार्य करने को लेकर विचार-विमर्श हुआ तथा एमओयू पर दोनों संस्थानों के प्रमुखों ने हस्ताक्षर कर साथ-साथ कार्य करने पर सहमति दी। वहीं दोनों प्रमुखों ने संबंधित कागजात पर हस्ताक्षर कर फाइल्स का आदान-प्रदान किया। एनके की तरफ से चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर सुनीता मंत्री एवं आईसीएफएआई की ओर से वाइस चांसलर डॉ. जगन्नाथ पटनायक मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि डॉ. पटनायक देश के जाने-माने शिक्षाविद एवं प्रशासक हैं। भारतीय विश्वविद्यालय परिसंघ, नई दिल्ली के मुख्य शिक्षा समन्वयक है। डॉ. जगन्नाथ पटनायक सेंट रेने डेसकार्टेस यूनिवर्सिटी के पहले वाइस चांसलर है। ये अपनी सेवाएं कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलर के रूप में दे चुके है।
आर्थिक एवं सामाजिक व्यवस्था में आएगा बदलाव : डॉ. पटनायक
इस दौरान डॉ. पटनायक ने मीडिया से मुखातिब होते हुए बताया कि इक्फाई यूनिवर्सिटी शिक्षा के क्षेत्र में देश के कई राज्यों में कार्यरत है और आज देश की जानी-मानी एनवायरनमेंट कंसल्टेंसी कंपनी एनके एनवायरो सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ पर्यावरण एवं शिक्षा के क्षेत्र में समग्र विकास के लिए समझौता हुआ है। वे बोले-यह कदम आने वाले समय में सफलता के नए आयाम स्थापित करेगा। इससे राज्य की शिक्षा एवं पर्यावरण से संबंधित क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा। साथ ही राज्य की आर्थिक एवं सामाजिक व्यवस्था में बदलाव आएगा।
पर्यावरण शिक्षा से जुड़े डिग्री कोर्सेज से खुलेगी नई राह : सुनीता मंत्री
वहीं, पत्रकारों से बातचीत में एनके एनवायरो सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर सुनीता मंत्री ने कहा कि यह समझौता देश में पर्यावरण शिक्षा से जुड़े हुए डिग्री कोर्सेज लाकर देश के लिए एक नई राह खोलेगा। इससे पहले पर्यावरण के विषय को लेकर कोई भी यूनिवर्सिटी का निर्माण नहीं हुआ है, जिसमें पर्यावरण से संबंधित डिग्री कोर्सेज नहीं है। यह एमओयू न केवल शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रान्ति लेकर आएगा वरन नई टेक्नोलॉजी के आविष्कार एवं आज के पर्यावरण की स्थिति में सुधार लाने का काम करेगा।
बैठक में ये रहे मौजूद
इस मौके पर आयोजित बैठक में प्रशांत मंत्री, अनिल अरोड़ा, किरीट आचार्य, नेहा मंत्री, निरंजन गुप्ता, अल्का शर्मा, दिनेश बोहरा, शुवेश अवस्थी, विनम्र भूषण शर्मा आदि मौजूद रहे।
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