किसानों की समृद्धि से ही होगा प्रदेश खुशहाल
किसानों की तकलीफ को दूर करना सरकार का ध्येय - मुख्यमंत्री
जयपुर । मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि किसान की समृद्धि के बिना देश और प्रदेश समृद्ध नही हो सकते। किसानों की आय बढ़ाने के लिए परंपरागत खेती में बदलाव लाना होगा। बदलते हुए जमाने में किसानों को आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए खेती करनी होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों और कृषि वैज्ञानिकों को उन देशों में भेजेगी जहां पर खेती की उन्नत तकनीक का इस्तेमाल कर खेती की जाती है। वहां से खेती के नए तौर तरीके सीख कर हमारे किसान भाई अपनी उपज बढ़ा सकेंगे।
शर्मा सोमवार को कोटपुतली-बहरोड़ जिले के ग्राम भांकरी में संशोधित पार्वती-काली सिंध-चंबल लिंक परियोजना (एकीकृत ईआरसीपी) में विराटनगर क्षेत्र को शामिल करने पर आयोजित आभार एवं अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने सरकार बनते ही मात्र 6 महीने के अल्प समय में संकल्प पत्र के 45 प्रतिशत वादे पूरे कर दिए हैं। इस दौरान किसानों और पशुपालकों को खुशहाल बनाने के लिए राज्य सरकार ने कई फैसले किए हैं। गेहूं की एमएसपी पर 125 रुपये प्रति क्विंटल का अतिरिक्त बोनस देने, मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के साथ 2 हजार रुपये अतिरिक्त सालाना देने तथा पशुपालकों को किसान गोपाल क्रेडिट कार्ड जारी करने जैसे फैसले किए हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश में 80 हजार से अधिक किसानों को 350 करोड़ रुपये का अल्पकालीन फसली ऋण दिया गया है। साथ ही लघु एवं सीमांत किसानों को मुफ्त बीज किट भी दिए जा रहे हैं।
प्रदेश में पानी की समस्या दूर करने के लिए हर स्तर पर प्रयास
शर्मा ने कहा कि किसान हमारे अन्नदाता हैं। किसान का बेटा होने के नाते मैं किसान भाइयों की तकलीफों से भली भांति परिचित हूं। फसलों के लिए पानी की कमी किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या है। प्रदेश का भूमिगत जल स्तर काफी नीचे चला गया है। इसलिए हमारी सरकार प्रदेश में पानी के संकट को दूर करने के लिए प्राथमिकता से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में पार्वती-काली सिंध-चंबल लिंक परियोजना (एकीकृत ईआरसीपी) के लिए केन्द्र सरकार एवं मध्यप्रदेश के साथ एमओयू किया गया है। एमओयू में रास्ते में आने वाले बांधों में जल भरे जाने का प्रावधान है। परियोजना में अतिरिक्त बांध जोड़े जाने हेतु प्राप्त प्रस्तावों की भी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाई जा रही है। वह दिन दूर नहीं जब पूर्वी राजस्थान में पानी की कोई कमी नहीं रहेगी। इस परियोजना से कोटपूतली-बहरोड़ सहित प्रदेश के 21 जिलों को पानी मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने पानी के नाम पर सिर्फ राजनीति करते हुए ईआरसीपी सहित प्रदेश की प्रमुख पेयजल परियोजनाओं को अटकाने का काम किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पूर्वी राजस्थान के लिए ईआरसीपी के साथ ही शेखावाटी अंचल के लोगों की बरसों पुरानी मांग को पूरा करने के लिए यमुना जल समझौते के तहत केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार के साथ त्रिपक्षीय समझौता किया जबकि पूर्ववर्ती सरकार ने इस संबंध में कभी केन्द्र सरकार को एक चिट्ठी तक नहीं लिखी। साथ ही, उदयपुर में देवास बांध परियोजना तृतीय एवं चतुर्थ के माध्यम से दक्षिण राजस्थान में भी जल की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
किसानों के सपने तोड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा
शर्मा ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने किसानों के बेटे-बेटियों के हितों पर कुठाराघात किया। उनके कार्यकाल में पेपर लीक होने से कर्ज लेकर जैसे-तैसे अपने बच्चों को पढ़ाने वाले किसानों के सपने टूटे। उनके सपने तोड़ने वाले दोषियों को किसी भी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा।
छितोलीं, जवानपुरा धाबाई एवं बुचारा बांध एकीकृत ईआरसीपी में शामिल
शर्मा ने कहा कि विराटनगर एक पौराणिक और ऐतिहासिक नगर है। इस क्षेत्र की खुशहाली और समृद्धि के लिए सरकार इसे पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करेगी। उन्होंने कहा कि संशोधित पीकेसी परियोजना (एकीकृत ईआरसीपी) में कोटपूतली-विराटनगर क्षेत्र के तीन बड़े बांधों छितोलीं, जवानपुरा धाबाई एवं बुचारा बांध को जोड़ने से इस क्षेत्र की पानी की समस्या दूर होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह और स्व. अटल बिहारी वाजपेयी किसानों की चिंता करते थे। स्व. वाजपेयी जी ने किसानों के लिए क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी किसानों का दर्द और पीड़ा समझते हैं। उन्होंने किसान हित में किसान सम्मान निधि, फसल बीमा, किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाने जैसे कई फैसले किए हैं।
इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत, नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) झाबर सिंह खर्रा, राजस्व राज्यमंत्री विजय सिंह, विधायक कुलदीप धनखड़, जसवंत सिंह यादव, हंसराज पटेल, देवी सिंह शेखावत एवं महेंद्रपाल मीणा सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, उच्च अधिकारी एवं बड़ी संख्या में किसान और आमजन उपस्थित थे।
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