श्रद्धालुओं ने आर्यिका सुपार्श्वमती माताजी को 14 वीं पुण्यतिथि पर चढ़ाया पुष्प चक्र,
बड़ के बालाजी : अष्ट द्रव्य से की गुरु पूजा

जयपुर। राजधानी के अजमेर रोड़ टोल प्लाजा स्थित चंद्रपुरी के चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर के प्रांगण में स्थित पूज्य आर्यिका रत्न सुपार्श्वमती माताजी के समाधि स्थल पर माताजी का 14 वाँ अंतर विलय दिवस मनाया गया। इस दौरान ब्रह्मचारी जिनेश भैया के निर्देशन में सर्व प्रथम समाज श्रेष्ठियों ने भगवान चंद्र प्रभु के पांच रसों से पंचामृत कलशाभिषेक किए और विश्व में शांति की प्रार्थना करते हुए शांतिधारा कर अष्ट द्रव्य अर्घ चढ़ाएं और नित्य नियम पूजन किया गया। इस अवसर पर श्रीपाल, भागचंद, महिपाल, सरोज चुड़ीवाल परिवार गुवाहाटी से और अशोक जैन बारपेटा से विशेष तौर पर उपस्थित रहे और भगवान का कलशाभिषेक किया।
अखिल भारतीय दिगंबर जैन युवा एकता संघ अध्यक्ष अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि श्रीजी का कलशाभिषेक हो जाने के उपरांत जिनेश भैया के निर्देशन में मंदिर जी से माताजी की समाधि स्थल तक बैंड बाजों के साथ पुष्पचक्र यात्रा निकाली गई, यात्रा के समाधि स्थल पर प्रदेश के उपरांत समाधि स्थल पर विराजित चरण पादुका के गुलाब जल से अभिषेक कर ठीक 9.24 बजे सभी श्रद्धालुओं ने जयकारों और माताजी की स्तुति के साथ समाधि स्थल पर पुष्पचक्र अर्पित किए और पुष्प वर्षा की। इसके बाद अष्ट द्रव्यों के साथ गुरु पूजा की गई जिसमें सभी श्रद्धालुओं ने अर्घ चढ़ाएं और अंत में गुरु आरती की गई।
इस दौरान राजकुमार सेठी, सुरेंद्र पाटनी, अजित पाटनी, राजेंद्र बड़जात्या, प्रवीण बड़जात्या, कमलचंद छाबड़ा, मनोज पहाड़िया, कमल बाबू जैन, रवि छाबड़ा, विमल बगड़ा, कुसुम चुड़ीवाल, डॉ विमला ठोलिया, रजनी जैन सिंघई सहित सैकड़ों श्रद्धालु एकत्रित हुए और पुष्पांजलि अर्पित की।
What's Your Reaction?






