महावीर के सिद्धांत से ही विश्व शांति संभव : आचार्य शशांक सागर
श्री सिद्ध चक्र विधान के बाद श्रीजी ने किया नगर भ्रमण विश्व शांति महायज्ञ नें बिखेरीं महक
जयपुर - वरूण पथ मानसरोवर स्थित श्री दिगंबर जैन मंदिर में अष्ठानिका के समापन पर नित्य अभिषेक एवं शांति धारा के साथ भगवान महावीर के चित्र का अनावरण व दीप प्रज्ज्वलन विधान सुनील- सुनीता गोधा, भास्केंद्र इंद्र सतीश- मंजू कासलीवाल व पाद प्रक्षालन मंडल पूण्यार्जक निर्मल, भँवरी काला ने किया।
सौधर्म इन्द्र सुनील-अनिता गंगवाल ने बताया आचार्य शशांक सागर महाराज ने प्रवचन में कहा कि आज विश्व में अशांति का वातावरण बना हुआ है जगह जगह युद्ध होने का मुख्य कारण भगवान महावीर के सिद्धांत अहिंसा, त्याग, क्षमा का अभाव है।
प्रतिष्ठाचार्य प्रद्युम्न शास्त्री ने बताया कि कोई भी विधान यज्ञ के बिना अपूर्ण माना जाता है । इसलिए विश्व शांति के लिए हवन में सौधर्म इंद्र, कुबेर के साथ इंद्रो ने पूर्णाहुति दी । इस अवसर पर समाज ने पुण्यार्जको को समाज रत्न से सम्मानित किया गया ।
ईशान इंद्र डॉ रोहित- आकांक्षा बेनाडा ने बताया श्रीजी का गाजे बाजे व जयकारों के साथ जुलूस के रूप में नगर भ्रमण हुआ ।तत्पश्चात शोभायात्रा विधान पुण्यार्जक एवं सौधर्म इंद्र के निवास स्थान पहुंची जहाँ आचार्य श्री ने मंगल कलश की स्थापना की ।
इस अवसर पर एम पी जैन, सी एम जैन, पूरण मल अनोपड़ा, विमल काला, अशोक बाकलीवाल, बसंत बाकलीवाल, राजकुमार गंगवाल, राजेन्द्र सोनी, सुनील गोधा, महावीर बडजात्या, सतीश कासलीवाल, राजकुमार पाटनी, संतोष कासलीवाल, लोकेश सोगानी, जैनेन्द्र जैन, जे के जैन, विजय जैन आदि उपस्थित रहे
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