राइजिंग राजस्थान' समिट के जरिए स्थानीय उद्यमियों को मिल रहा है नया अवसर
राजस्थान में निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रवासी उद्योगपतियों से संपर्क का आह्वान, वोकल फॉर लोकल पर जोर
जयपुर, । मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि स्थानीय उद्यमी एवं व्यापारी राइजिंग राजस्थान के ब्रांड एम्बेसडर हैं। वे देश के कई राज्यों में कार्यरत प्रवासी राजस्थानी उद्योगपतियों से संपर्क कर उन्हें प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित करें, ताकि वे अपना औद्योगिक कौशल अपनी मातृभूमि पर दिखा सके।
शर्मा सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर जयपुर में 9 से 11 दिसंबर तक आयोजित होने वाली ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट’ के संबंध में स्थानीय औद्योगिक एवं व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्थानीय उद्यमी एवं उनके संगठनों का व्यापक नेटवर्क आगामी राइजिंग राजस्थान समिट की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इस नेटवर्क का उपयोग करते हुए ये संगठन अपनी शाखाओं के माध्यम से आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, आसाम, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखंड एवं बिहार में प्रवासी राजस्थानी सम्मेलन का आयोजन करें और उन्हें निवेश करने के लिए आकर्षित करें।
वोकल फॉर लोकल पर विशेष फोकस —
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार वोकल फोर लोकल पर विशेष रूप से ध्यान देने के साथ ही ‘एक जिला, एक उत्पाद नीति’ भी लागू करने जा रही है। इससे स्थानीय उद्यमियों की आर्थिक प्रगति होगी और रोजगार के नये अवसर भी सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम (रिप्स) 2024 के अंतर्गत स्टैंडर्ड सर्विसेज पैकेज के तहत इन्सेंटिव्स के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा 50 करोड़ रुपये से घटाकर 25 करोड़ रुपये कर दी है। साथ ही, राज्य सरकार उद्योग नीति, स्टार्टअप नीति, ग्रीन हाइड्रोजन नीति, निर्यात प्रोत्साहन नीति, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग नीति पर कार्य कर रही है, जिनमें निवेश को सुगम एवं सुलभ बनाने के प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राइजिंग राजस्थान समिट के क्रम में अब तक 18 लाख करोड़ रुपये के एमओयू साइन किए हैं, जिन्हें राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ धरातल पर उतारेगी।
उद्योगों को मिलेगी पर्याप्त बिजली-पानी —
शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने विगत 10 महीने के कार्यकाल में एक रोडमैप के तहत बिजली एवं पानी के क्षेत्र में योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया है। राज्य सरकार ने बिजली के क्षेत्र में 2 लाख 24 हजार करोड़ रुपये के एमओयू किए गए हैं, जिससे हम प्रदेश को 2027 तक ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर बना सकेंगे। राजस्थान बिजली खरीदेगा नहीं, बल्कि बेचेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्वती-कालीसिंध-चंबल-ईआरसीपी लिंक परियोजना एवं यमुना जल समझौता कर हमने प्रदेश में पानी की पर्याप्त उपलब्धता को सुनिश्चित करने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। बिजली और पानी की उपलब्धता हमारी सरकार की प्रमुख प्राथमिकताएं हैं, इसी से प्रदेश औद्योगिक विकास के पथ पर निरंतर गतिमान होगा।
राइजिंग राजस्थान के लिए व्यापारिक संगठन करेंगे सक्रिय रूप से कार्य- उद्यमी
बैठक में उद्योगपतियों एवं व्यापारियों ने कहा कि राइजिंग राजस्थान समिट को सफल बनाने के लिए स्थानीय व्यापारिक संगठन राज्य सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करेंगे। प्रदेश में निवेश लाने के लिए व्यापारिक संगठनों की देशभर में फैली शाखाएं सक्रिय रूप से कार्य करेगी। उन्होंने पर्यटन, कृषि, शिक्षा, खनन, आवासन, हस्तशिल्प, मार्बल, अक्षय ऊर्जा, टैक्सटाइल्स, इलेक्ट्रोनिक, जेम्स एंड ज्वैलरी सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश से संबंधित पर अपने सुझाव भी मुख्यमंत्री को प्रस्तुत किए। क्रेडाई के चेयरमैन गोपाल गुप्ता एवं संरक्षक अनुराग शर्मा, जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल, लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष घनश्याम ओझा, फोर्टी के कार्यकारी निदेशक अरूण अग्रवाल, जीनस पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर के चेयरमैन आई सी अग्रवाल, प्रबंध निदेशक आरएमसी जेम्स निर्मल बरड़िया, जयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एवं इंडस्ट्रीज के उपाध्यक्ष श्याम अग्रवाल सहित प्रमुख उद्योगपति बैठक में उपस्थित थे।
इस अवसर पर उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव शिखर अग्रवाल, प्रमुख सचिव उद्योग अजिताभ शर्मा, प्रमुख सचिव (मुख्यमंत्री) आलोक गुप्ता, आयुक्त उद्योग एवं वाणिज्य रोहित गुप्ता, रीको प्रबंध निदेशक इंद्रजीत सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।
What's Your Reaction?