ममता बनर्जी ने न्यायालय के आदेश की अवमानना कर जनप्रतिनिधि की गरिमा को किया तार-तार - प्रभुलाल सैनी
तुष्टिकरण के नाम पर किसी भी हद तक गिर सकते हैं कांग्रेस और उसके सहयोगी दल, ममता सरकार में हिंदुओं पर बढ़े अत्याचारः- जितेंद्र गोठवाल
जयपुर । भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी और प्रदेश महामंत्री एवं विधायक जितेन्द्र गोठवाल ने गुरूवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए इंडी गठबंधन और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तुष्टिकरण की राजनीती करने और मुस्लिम आरक्षण को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना करने पर कड़े शब्दों में निंदा की है।
प्रभुलाल सैनी ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने देश में तुष्टिकरण की राजनीती के बल पर फूट डालने और लोकतंत्र को छिन्न भिन्न करने का कुत्सित प्रयास किया है। लोकतंत्र में संवैधानिक प्रक्रिया के खिलाफ किसी भी जनप्रतिनिधि की ऐसी भाषा और आचरण माफी योग्य नहीं है। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर द्वारा रचित संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन विगत विधानसभा चुनावांे में ममता बनर्जी ने अल्पसंख्यक समुदाय को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया था। ममता बनर्जी अपनी हठधर्मिता के चलते न्यायालय के आदेशों की खुलेआम अवमानना कर रही हैं।
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी ने कहा कि कांग्रेस ने तुष्टिकरण की राजनीति के तहत 2004 में रंगनाथ मिश्रा कमेटी बनाई, 2005 में सच्चर कमेटी बनाई और उसके बाद 2008 में अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी देश के संसाधनों पर अल्पसंख्यक समुदाय का पहला अधिकार बताकर तुष्टिकरण की राजनीति को बल दिया था। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को आदेश देते हुए 2010 से 2012 तक धर्म के आधार पर मुस्लिम समुदाय को दिये गये ओबीसी आरक्षण के सभी सरकारी आदेशों को असंवैधानिक करार दिया है।
न्यायालय ने इस दौरान पश्चिम बंगाल में जारी किये गये करीब पांच लाख ओबीसी प्रमाण पत्रों को रद्द करने के आदेश दिये हैं। वहीं न्यायालय ने कठोर टिप्पणी करते हुए कहा कि ममता बनर्जी सरकार ने समुदाय विशेष के वोटबैंक की खातिर बिना ओबीसी आयोग की संवैधानिक राय लिए धर्म के आधार पर आरक्षण लागू किया है। ओबीसी आयोग ने सर्वे के बाद जिन 42 वर्गों को ओबीसी आरक्षण का हकदार माना था उसमें से 41 वर्ग मुस्लिम समुदाय से आते हैं इससे स्पष्ट है कि यह आरक्षण राजनैतिक षड़यंत्र के आधार पर दिया गया है।
भाजपा प्रदेश महामंत्री एवं विधायक जितेन्द्र गोठवाल ने कांग्रेस और टीएमसी पर न्यायालय की गरिमा और आस्था पर प्रहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि तुष्टिकरण के नाम पर ये लोग किसी भी हद तक गिर सकते हैं। खुदकी सरकार को पारदर्शी सरकार बताकर दंभ भरने वाली ममता बनर्जी ने बंगाल में आज हिंदुओं को विस्थापित होने को मजबूर कर दिया है। आज बंगाल में समुदाय विशेष के लोगों को विशेष तवज्जो दी जाती है, वहीं हिुंदुओ की उपेक्षा कर उनके खिलाफ निरंतर अत्याचार बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी कई अवसरों पर कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति और हिंदु विरोधी मानसिकता पर प्रहार किया है।
पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ओबीसी वर्ग के आरक्षण को लेकर गंभीर है इसलिए 2017 में न्यायाधीश रोहिणी के नेतृत्व में कमीशन बनाकर ओबीसी आरक्षण की समीक्षा करने का काम शुरू किया। देश की 51 फीसदी ओबीसी आबादी के हितों पर कोई कुठाराघात ना हो इसके लिए पीएम मोदी निरंतर प्रयासरत हैं। वहीं दूसरी ओर इंडी गठबंधन तुष्टिकरण के आधार पर देश को बांटने का काम कर रहा है।
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