विधानसभा अधिकारियों के कार्यो की समीक्षा कार्यो का समय पर क्रियान्‍वयन करें- देवनानी

प्रक्रिया नियमों का अध्‍ययन करें

Jun 6, 2024 - 22:46
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विधानसभा अधिकारियों के कार्यो की समीक्षा  कार्यो का समय पर क्रियान्‍वयन करें- देवनानी

जयपुर । राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने गुरूवार को विधानसभा सचिवालय के अनुभाग अधिकारी] सहायक सचिव और उप सचिवों की बैठक में विभिन्‍न अनुभागों के कार्यो की समीक्षा की। अध्‍यक्ष देवनानी ने प्रत्‍येक अनुभाग की विस्‍तार से जानकारी ली। उन्‍होंने अनुभागों में प्रतिदिन होने वाले कार्य] बैठकों और बजट के बारे में पूछा। देवनानी ने कहा कि कार्यो के परिणाम आने चाहिए

कार्यो का समय पर क्रियान्‍वयन करें-

 देवनानी ने अधिकारियों से कहा कि अनुभागों के कार्यो का समय पर क्रियान्‍वयन करना सुनिश्चित करें। उन्‍होंने कहा कि अधिकारी अपनी जिम्‍मेदारी समझें। राजकीय कार्यो के प्रति लापरवाही नहीं बरते। अधिकारी स्‍वंय पहल कर पत्रावलियों का निस्‍तारण करें।अनुशासित रहे-

 देवनानी ने कहा कि अधिकारियों को अनुशासन में रहकर कार्य करना चाहिए। वे समय पर आये और कुशल प्रबंधन से कार्य करें। अपने अधिनस्‍थों के समक्ष अनुशासन का परिचय दे और कार्यालय में सौहाद्रपूर्ण वातावरण का निर्माण करें।

प्रक्रिया नियमों का अध्‍ययन करें-

 देवनानी ने अधिकारियों से कहा कि अपने अनुभागों से संबंधित प्रक्रिया नियमों का गहराई से अध्‍ययन करें। प्रक्रिया नियमों के बारे में समिति या अनुभाग में कार्यरत अन्‍य अधिकारियो] सभापति व सदस्‍यों से भी यथा समय चर्चा करके एक-दूसरे को अपडेट करते रहे।

अधिकारी समन्‍वय से कार्य करें-

 देवनानी ने कहा कि अधिकारी अपने वरिष्‍ठ और अधिनस्‍थों में साथ समन्‍वय बनाकर कार्य करें। राजकीय कार्यो के प्रति अपनी जिम्‍मेदारी को समझे। उन्‍हें प्राथमिकता से पूरा करे। पत्र व्‍यवहार को नियमों के अनुरूप करते रहे। कोई कार्य पेन्डिग नहीं रहना चाहिए।

परिणाम दिखने चाहिए -

 देवनानी ने कहा कि राजकीय कार्यो को व्‍यवस्थित तरीके से करें। नियमों की पालना करें। पत्रावलियों पर हुए निर्णयों को अमल में लाना अधिकारियों की जिम्‍मेदारी है। मात्र पत्र प्रेषित करने तक ही हमारा दायित्‍व पूरा नहीं हो जाता है। पत्र के अनुसार राजकीय कार्य का परिणाम सामने आने चाहिए।

समय के पाबन्‍द बने-

 देवनानी ने कहा कि अनुशासित जीवन के परिणाम सकारात्‍मक व सफलता वाले होते है। अधिकारियों को समय का पाबन्‍द बनना होगा। समय से कार्यालय आना और समय से कार्यालय से चले जाना ही ईमानदारी व निष्‍ठा नहीं होती है। राज्‍य हित में जो राजकीय दायित्‍व जिस अधिकारी के जिम्‍मे है, वे निर्धारित समय सीमा में अन्तिम पडाव तक होने चाहिए।

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SJK News Chief Editor (SJK News)