राजस्थान में टॉप 25 वांटेड अपराधियों में शामिल 50 हजार के इनामी तस्कर को उदयपुर में पकड़ा
एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स पुलिस मुख्यालय की कार्रवाई कोटा के मकबरा व गुमानपुरा थाने में है वांछित, रेंज स्तर पर टॉप 10 में है शुमार
जयपुर । एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स पुलिस मुख्यालय की टीम ने कोटा शहर में मकबरा थाने के एनडीपीएस एक्ट के मामले में 4 साल से व गुमानपुरा थाने में 3 साल से वांछित 50 हजार रुपये इनामी तस्कर मुनव्वर हुसैन पुत्र लियाकत हुसैन निवासी वक्फ नगर थाना दादाबाड़ी कोटा को उदयपुर जिले में सूरजपोल थाना इलाके से पकड़ा है। पकड़ा गया तस्कर राज्य स्तर पर टॉप 25 एवं रेंज स्तर पर टॉप 10 वांटेड की श्रेणी में शामिल है।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स एवं अपराध दिनेश एमएन ने बताया कि पकड़े गए तस्कर मुनव्वर हुसैन के विरुद्ध कोटा शहर के मकबरा व गुमानपुरा थाने में अवैध मादक पदार्थ की तस्करी के मामले में एनडीपीएस एक्ट का मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें घटना के बाद से ही आरोपी फरार चल रहा था। इन दोनों प्रकरणों से पहले भी आरोपी एनडीपीएस एक्ट के मामले में 10 वर्ष की जेल काट चुका है। लंबे समय से वांछित आरोपी की गिरफ्तारी के लिए गत वर्ष 3 अगस्त को कोटा रेंज आईजी द्वारा 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया।
एडीजी एमएन ने बताया कि प्रदेश में सक्रिय गैंगस्टर, हार्डकोर बदमाश, हिस्ट्रीशीटर, तस्करों आदि के बारे में आसूचना संकलन के लिए एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की टीमों को अलग-अलग शहरों में भेजा गया है। इसी दौरान डीआईजी क्राइम श्री योगेश यादव व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री राजेश मलिक के नेतृत्व में गठित टीम के सदस्य कांस्टेबल मोहनलाल को फरार तस्कर के बारे में पुख्ता आसूचना प्राप्त हुई।
इस पर एडिशनल एसपी राजेश मलिक के नेतृत्व में हैड कांस्टेबल महेंद्र कुमार, कृष्ण गोपाल, करणी सिंह एवं कांस्टेबल सोहन देव व मोहनलाल की एक टीम गठित कर सूचना की तस्दीक एवं कार्रवाई के लिए उदयपुर रवाना की गई। गठित टीम द्वारा विषम परिस्थितियों में वेश बदलकर अपनी पहचान छुपाते हुए शुक्रवार को सूरजपोल थाना क्षेत्र से आरोपी तस्कर मुनव्वर हुसैन को डिटेन् कर लिया। जिसे थाना सूरजपोल की सुरक्षा में रख कोटा जिले की थाना मकबरा पुलिस को सूचित किया गया।
एडीजी एमएन ने बताया कि इस कार्रवाई में एएसपी मलिक के नेतृत्व में गठित टीम के हैड कांस्टेबल महेंद्र कुमार व कांस्टेबल मोहनलाल व सोहन देव की विशेष भूमिका एवं हैड कांस्टेबल कृष्ण गोपाल व करणी सिंह की तकनीकी भूमिका रही।
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