भजनलाल सरकार जनता की सेवा के लिए प्रतिबद्ध -कन्हैयालाल चौधरी

6 माह में किए कई ऐतिहासिक

Jun 15, 2024 - 09:06
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भजनलाल सरकार जनता की सेवा के लिए प्रतिबद्ध -कन्हैयालाल चौधरी

जयपुर । कैबिनेट मंत्री कन्हैया लाल चौधरी नेे निर्दलीय विधायक यूनूस खान केे ट्विट पर पलटवार करते हुए कहा कि यूनूस खान ने पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के बिजली संकट पर चुप्पी साधी रखी और आज अपनी महत्वकांक्षा पूरी नहीं होने पर अब बोल रहे है गहलोत की भाषा। ये वहीं यूनूस खान है जिन्हें भाजपा ने जनप्रतिनिधि से लेकर मंत्री मंडल तक पहुंचाया था, लेकिन आज अपनी राजनैतिक महत्वकांक्षा पूरी नहीं होने के चलते इस तरह की बयानबाजी कर रहे है।

गहलोत सरकार की गलत नीतियों के चलते सर्दी मंे रबी सीजन के दौरान बैकिंग एग्रीमेंट के माध्यम से उधार ली गई बिजली को गर्मी में पीक डिमांड के दौरान चुकाने का एग्रीमेंट कर लिया। गहलोत सरकार के गलत एग्रीमेंट के चलते राजस्थान को रोजाना लाखों यूनिट बिजली लौटानी पड़ रही है। शायद यूनूस खान ये भूल गए कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के विदाई के साल में कालीसिंध और सूरतगढ थर्मल प्लांट की यूनिट बंद हो जाने से 4 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन प्रभावित हुआ था। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भारी बिजली कटौती का सामना करना पड़ा था। परन्तु आज भजनलाल सरकार प्रदेश की जनता की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है।

भाजपा सरकार ने बिजली कंपनियों के साथ 2 लाख 24 हजार करोड का एमओयू किया है ताकि भविष्य में इस तरह का संकट उत्पन्न ना हो। भजनलाल सरकार के बेहतर मैनेजमेंट के चलते प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में बिजली की सप्लाई सूचारू रूप से की जा रही है। भाजपा ने विधानसभा चुनावों में जनता से संकल्प पत्र में किए वादों में से 45 फीसदी वादों को भजनलाल सरकार ने 6 माह में पूरा कर दिया। इतना ही नहीं, राजस्थान को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। सरकार ने 28500 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा, 3325 मेगावाट की थर्मल परियोजना पर समझौता भी किया है।  

कैबिनेट मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने चुनावी साल के दौरान जमकर रेवड़ियां बांटी, जिसका खामियाजा आज प्रदेश की जनता को उठाना पड़ रहा है। गहलोत ने एक ओर मुफ्त बिजली की रेवड़ियां बांटी तो दूसरी ओर फ्यूल सरचार्ज के नाम पर वसूल कर लिए। हालात यह है कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 3 साल के दौरान 3 हजार 700 करोड़ रूपए से अधिक फ्यूल सरचार्ज के नाम पर वसूले गए। प्रदेश में 2018 से पूर्व बिजली की दरें 5 रूपए 55 पैसे प्रति यूनिट हुआ करती थी, जबकि कांग्रेस की गहलोत सरकार ने अपने कार्यकाल में इन दरों को 11 रूपए 90 पैसे तक पहुंचा दिया।

इतना ही नहीं, गहलोत के कार्यकाल में 15 बार बिजली दरों में बढ़ोतरी कर आमजन की कमर तोड़ दी गई थी। जबकि कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में आने के लिए 2018 के विधानसभा चुनावों में जनता से झूठा वादा करते हुए 5 साल तक बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं करने का वादा किया था। इन सब के बावजूद यूनूस खान भाजपा पर आरोप लगाते हुए कांग्रेसी नेताओं की भाषा बोल रहे है।   

         

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SJK News Chief Editor (SJK News)