एसडीआरएफ राजस्थान ने जारी की मानसून से संबंधित एडवायजरी
उपयोगी महत्वपूर्ण एप एवं टोल फ्री नंबर की जानकारी के साथ 16 नियमों की पालना की दी सलाह
जयपुर, 12 अगस्त। एसडीआरएफ के कमाण्डेन्ट राजेन्द्र सिंह सिसोदिया ने बताया कि नागरिकों को वर्षा ऋतु में मौसम की सामान्य जानकारी के अभाव में भारी परेशानियों का सामना करना पडता है। कई बार छोटी-छोटी गलतियों एवं मौसम सम्बन्धी जानकारी के अभाव की वजह से लोगों को भारी जान-माल का नुकसान उठाना पडता है।
प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए मौसम विभाग द्वारा मोबाइल ऐप तथा राजस्थान सरकार ने टॉल-फ्री नम्बर जारी किये है जो बहुत उपयोगी है। उक्त मोबाईल ऐप को अपने मोबाईल में प्ले स्टोर से डाउनलोड करके प्राकृतिक आपदाओं से बचा जा सकता है। राज्य सरकार द्वारा जारी टोल फ्री नम्बर पर सूचना दी जाकर आपदा से राहत प्राप्त की जा सकती है।
उपयोगी मोबाइल ऐप तथा महत्वपूर्ण नम्बरः-
1. Sachet : इस ऐप द्वारा स्थानीय मौसम, तापमान, वर्षा, भूकम्प की तीव्रता, वज्रपात का अलर्ट तथा विभिन्न प्रकार की आपदाओं से निपटने के समय क्या, क्या ना करे की जानकारी उपलब्ध होती है।
2 Damini : यह ऐप अपने से 10 किलोमीटर एरिया में बिजली गिरने (वज्रपात) के संभावित स्थान की जानकारी देता है, ताकि नागरिक सुरक्षित स्थान जा सके, चेतावनी मिलने पर क्या करे की जानकारी भी देता है।
3 . 1070 Toll free नम्बरः- प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए टोल-फ्री नम्बर जारी किया गया है। जिस पर कॉल किया जाकर सहायता प्राप्त की जा सकती है।
4. स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेन्टर जयपुर: 01414-2227296, 0141-2385776, 0141-2385777 पर भी कॉल करके आपदा से संबंधित सूचना दी जा सकती है तथा आपदा के समय सहायता के लिए कॉल किया जा सकता है।
इस ऐप व हेल्पलाईन नम्बरों के संबंध में एसडीआरएफ राजस्थान द्वारा जन-जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाता रहा है।
एसडीआरएफ ने मानसून के दौरान नागरिकों की सुरक्षा के लिए निम्नलिखित सुझाव दिये हैः-
● बांध, तालाब, झरने आदि जल-भराव वाले स्थानों पर न जाये, यदि जाना आवश्यक हो तो भी इन स्थानों पर नहाने से बचे, किसी तरह की रील बनाने की कार्यवाही नहीं करे। फोटो/वीडियो शूट आदि नहीं करे।
● भारी बरसात में घर से अनावश्यक बाहर ना निकले।
● भारी बरसात के समय बच्चों को जल-भराव वाले स्थान पर न जाने दे।
● भारी बरसात के समय बेसमेंट/तहखाने आदि स्थानों का प्रयोग कम से कम करे तथा ऐसे स्थानों पर रात्रि के समय नहीं सोये।
● बिजली कडकने (वज्रपात) पर खुले स्थान पर न रहे, घर के खिड़की, दरवाजे बन्द कर ले। बिजली कड़कने (वज्रपात) के समय किसी पेड़ के नीचे खडे नहीं हो, यानि पेड की शरण नहीं लेवे, ऐसी स्थिति में बन्द मकान में शरण लेंवे। अपने मोबाईल फोन को स्वीच ऑफ करे।
● वर्षा ऋतु में पुराने, जर्जर तथा खण्डर भवनों से दूर रहे।
● बाढ वाले क्षेत्रों में न खेले और ना ही तैरे।
● बिजली के टूटे हुए तारों से दूर रहे।
● गीले हाथों से बिजली के उपकरणों को न छुए।
● आपातकालीन संचार के लिए अपने फोन को चार्ज रखे।
● अज्ञात बहाव क्षेत्र में किसी भी प्रकार की अवांछित गतिविधियां नहीं करे तथा अपनी जान-माल को जोखिम में नहीं डालें।
● नदी, नाला, तालाब, जलाशय में बरसात के समय बहते पानी को पैदल या किसी भी साधन से पार नहीं करें।
● बरसात के मौसम में पानी के बहाव एवं भराव क्षेत्र में किसी प्रकार का आश्रय नहीं बनाया जावे। पानी का स्तर बढने पर अविलम्ब ऐसे भराव एवं बहाव क्षेत्र से अविलम्ब बाहर निकल कर नजदीकी सुरक्षित स्थान पर शरण लेंवे।
● निकटतम आश्रय स्थल/ऊंचे पक्के घर तक पहुँचने के सुरक्षित मार्गों के बारे में जानकारी रखे।
● बाढ़ के पानी में पैदल न चले और न ही गाड़ी चलाये, याद रखे बाढ़ के समय 02 फीट बढ़ा हुआ पानी भी कारों को बहा सकता है।
● गहरे, अज्ञात पानी में प्रवेश न करे, आवश्यक होने पर पानी की गहराई जांचने के लिए छडी/स्टिक आदि का प्रयोग करे।
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