शांति वीर शिव ज्ञान की गंगा में विद्या की छांव में समय का सागर मिला हमको

प्रभु का साक्षात स्वरूप गुरु - आचार्यश्री स्मायसागर जी 550 से ज्यादा मुनि आर्यिका व लाखों भक्तो की मौजूदगी में हुआ पदारोहण महा महोत्सव

Apr 18, 2024 - 16:57
Apr 20, 2024 - 11:38
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शांति वीर शिव ज्ञान की गंगा में विद्या की छांव में समय का सागर मिला हमको
शांति वीर शिव ज्ञान की गंगा में विद्या की छांव में समय का सागर मिला हमको

दमोह ( कुंडलपुर ) - आचार्य श्री पदारोहण समारोह कुंडलपुर तीर्थ क्षेत्र में लाखों लोग जिस पल का साक्षी बनने के इंतजार में थे, वह पूरा हो गया। श्रमण संस्कृति के सूर्य समाधिस्थ आचार्य विद्यासागर महामुनिराज के उत्तराधिकारी के तौर पर निर्यपक मुनि समय सागर महाराज ने आचार्य पद स्वीकार्य किया। इस नजारे को देखने पूरे देश से लाखों लोग पहुंचे 

निर्यापाक मुनि श्री समय सागर जी महाराज का पदारोहण विधि-विधान से संपन्न हुआ। कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत और मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी शामिल हुए। लाखों लोग इस पल के साक्षी बने।  

 संघ प्रमुख माेहन भागवत और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने पहले बड़े बाबा के दर्शन किए। फिर भावी आचार्य समय सागर महाराज के दर्शन करने पहुंचे। संघ प्रमुख सहित सभी अतिथि समय सागर महाराज को आसन तक लेकर पहुंचे। इसके बाद आचार्यश्री पदारोहण महा महोत्सव शुरू हुआ।

आचार्य पद पदारोहण का कार्यक्रम दोपहर एक बजे शुरू हुआ। मुनि संघ उन्हें अपने साथ लेकर पहुंचा। सोने-चांदी के कलशों से आचार्यश्री का पाद पक्षाल हुआ। चौक पूरने के बाद आचार्यश्री का आसन रखा गया। इसके बाद मुनि संघ ने समय सागर महाराज से पद स्वीकार करने का निवेदन किया, जिसे उन्होंने स्वीकार्य किया। आचार्य पद ग्रहण करने की विधि शुरू हुई तो नियम सागर महाराज ने सभी से आचार्य समय सागर महाराज की वंदना करने को कहा। मांगलिक क्रिया में सबसे पहले कलश स्थापना की गई। इसके बाद आचार्य पद ग्रहण करने की विधि शुरू हुई। एक के बाद एक पांच स्वर्ण कलश स्थापित किए गए।

समय सागर जी महाराज के आसन पर विराजमान होने और आचार्य पद स्वीकार करने के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत, मंत्री प्रहलाद पटेल, दमोह विधायक जयंत मलैया सहित अन्य लोगों ने आचार्यश्री को श्रीफल भेंट किया। उन्होंने आचार्य समय सागर महाराज के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया।

आचार्य पदारोहण महोतस्व में पधारे संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बड़े बाबा के दर्शन करने के बाद आचार्य समय सागर महाराज सहित अन्य मुनियों का आर्शीवाद लिया। मंच पर पहुंचकर कार्यक्रम की पत्रिका का विमोचन किया। इसके बाद संघ प्रमुख भागवत ने आचार्यश्री से पहली बार दर्शन के बारे में बताय आचार्य विद्यासागर जी महाराज से मेरा परिचय पहली बार जबलपुर के नर्मदा घाट पर हुआ था। पहली बार उनसे मिलने पहुंचा था। अध्यात्म का मुझे बहुत ज्यादा ज्ञान तो नहीं था। इस वजह से आचार्यश्री के सामने जाने से पहले मैं सोच रहा था कि क्या होगा? ये डर मेरे मन में था, लेकिन वहां जो उनका स्नेह मिला, उससे भय भी दूर हो गया और संकोच भी।

प्रभु का साक्षात स्वरूप गुरु निर्यापका मुनि श्री समयसागर जी के आचार्य बनने के बाद धर्म सभा संबोधन 

कुंडलपुर सिद्ध क्षेत्र में नवीन आचार्य समय सागर महाराज ने पद संभालने के बाद धर्मसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा, संत पुरुषों के चरण स्पर्श से यह धरती पवित्र हो रही है। आपका सौभाग्य है कि आपको गुरुदेव आचार्य विद्यासागर को जानने का अवसर मिला, उन्होंने पूरे विश्व के लिए प्रकाश दिया है। जो गुरुदेव ने किया है वो न भूतो: न भविष्यति है। ऐसा प्रकाश वही दे सकते हैं। सत्य और शील का अवलंबन धारण किया है। भगवान भक्ति और पूजा से प्रसन्न नहीं होते हैं। भगवान की आज्ञा का अनुपालन जब हृदय से करते हैं तब भगवान प्रसन्न होते हैं। आजकल लोग औपचारिक भक्ति कर कर रहे हैं। प्रभु का दर्शन साक्षात हमने नहीं किया ना और ना ही आपने। प्रभु का साक्षात स्वरूप गुरु में ही दिखाई देता था।

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SJK News Chief Editor (SJK News)