वैराग्य धारण करना बड़ा ही दुर्लभतम कार्य: आचार्य वसुनंदी
समवसरण विधान में दो को मिली जैनेश्वरी दीक्षा

जयपुर. अतिशय क्षेत्र बाड़ा पदमपुरा में दिगंबर जैन आचार्य वसुनंदी महामुनिराज ससंघ सान्निध्य में अखिल भारतवर्षीय धर्म जागृति संस्थान राजस्थान की ओर से आयोजित तीन दिवसीय भूत-भविष्य-वर्तमान त्रिकाल चौबीसी 72 समवसरण विधान का सोमवार को हवन के साथ समापन हुआ। धर्म जागृति संस्थान राजस्थान प्रांत के अध्यक्ष पदम जैन बिलाला ने बताया कि हजारों श्रावकों की उपस्थिति में आचार्य वसुनंदी महाराज ने दो जनों को जैनेश्वरी दीक्षा प्रदान की। ऐलक दयानंद महाराज को दीक्षा प्रदान कर मुनि शुद्धानंद महाराज और सहज प्रकाश भैया ब्रह्मचारी को दीक्षा प्रदान कर क्षुल्लक प्रबुद्धा नंद महाराज नामकरण किया गया। उपस्थित समाज ने दीक्षा की अनुमोदना की। दीक्षार्थियों को नवीन पिच्छिका, कमंडल, शास्त्र, जाप्य माला प्रदान की गई। इस दौरान समूचा पांडाल जयकारा जिन देव का जय जय जिनदेव से गूंज उठा। इस अवसर पर आचार्य ने कहा कि वर्तमान भोग काल में विलासितापूर्ण जीवन मानव द्वारा व्यतीत किया जा रहा है ऐसे में वैराग्य धारण करना बड़ा ही दुर्लभतम कार्य है। उपस्थित लोगों को संतों के आहार-विहार में यथासंभव सहयोगी बन पुण्यार्जन करना चाहिए।
समाज पर साधना की कृपा बरस रही है:-बेढ़म
मुख्य अतिथि गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने कहा कि जैन संतों की गहन साधना की कृपा जैन समाज पर बरस रही है। पूर्व प्रधान पंचायत समिति कामां रविन्द्र जैन, पदमपुरा कमेटी के अध्यक्ष सुधीर जैन, महामंत्री हेमंत सोगानी, धर्म जागृति संस्थान के पदाधिकारियों ने बेढ़म का अभिनंदन किया। धर्म जागृति संस्थान के राष्ट्रीय प्रचार मंत्री संजय जैन बडजात्या ने कहा कि प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव जन्म कल्याणक के उपलक्ष में प्रतियोगिताएं आयोजित करने का कार्य राजस्थान सरकार ने किया है जिसके लिए संपूर्ण जैन समाज उनका धन्यवाद ज्ञापित करती है। इस मौके पर भगवान ऋषभदेव जन्म कल्याणक पर राजकीय सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग दोहराई गई। कार्यक्रम का संचालन मनोज शास्त्री, संजय शास्त्री,इंद्रा बडजात्या, संजय जैन बडजात्या,बिजेंद्र आलोक शास्त्री ने किया। शाम को आचार्य श्री ससंघ का अजमेर की ओर मंगल विहार हो गया।
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