लोक कलाओं व कलाकारों को मिले पहचान

प्रज्ञा प्रवाह कर रहा प्रयास

Aug 24, 2024 - 18:00
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लोक कलाओं व कलाकारों को मिले पहचान
लोक कलाओं व कलाकारों को मिले पहचान

जयपुर। नवंबर 2024 में भाग्य नगर हैदराबाद में आयोजित होने वाले लोक मंथन के अंतर्गत, प्री लोक मंथन कार्यक्रम का आयोजन सार्थक संवाद-प्रज्ञा प्रवाह जयपुर प्रांत एवं चित्रकला विभाग राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। इसके अंतर्गत त्रिदिवसीय मांडना लोक कला कार्यशाला का आयोजन 20 अगस्त से 22 अगस्त तक संचालित किया गया।  22 अगस्त को संपन्न हुए इसके समापन समारोह में प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक जे. नंदकुमार  मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे।

अपने वक्तव्य में उन्होंने 'लोक बियोंड द फोक' को लोकमंथन के आयोजन का केंद्र बिंदु बताया। उन्होंने कहा लोक रंजन और मनोरंजन के लिए लोक को फोक की औपनिवेशिकता से पृथक करके समझने की आवश्यकता है, यही लोक मंथन का वास्तविक उद्देश्य भी है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति अल्पना कटेजा द्वारा की गई। उन्होंने कहा कि लोक संस्कृति हमारे दैनिक जीवन का आवश्यक हिस्सा होनी चाहिए।

प्रज्ञा प्रवाह के प्रांत संयोजक देवेश बंसल ने कार्यक्रम परिचय प्रस्तुत करते हुए प्री लोक मंथन की सार्थकता को स्पष्ट किया। महानगर संयोजक राजेश मेठी ने
सभी का आभार व्यक्त किया।कार्यक्रम संयोजक डॉ. मीना रानी ने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य संबंधित प्रांत की लोक कलाओं एवं लोक कलाकारों को राष्ट्रीय पटल पर पहचान दिलाना है।

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SJK News Chief Editor (SJK News)