पदम श्री धारक नए देवता और उनके द्वारा दिए गए कार्य नया तीर्थ - के एन गोविंदाचार्य

राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के प्रशिक्षण वर्ग में पदम श्री लक्ष्मण सिंह लापोड़िया और सुंड़ाराम कुमावत ने उद्बोधन दिया। के एन गोविंदाचार्य ने पदम श्री धारकों को नए देवता और उनके द्वारा दिए गए कार्यों को नया तीर्थ कहा

Apr 2, 2024 - 01:46
Apr 2, 2024 - 01:49
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पदम श्री धारक नए देवता और उनके द्वारा दिए गए कार्य नया तीर्थ - के एन गोविंदाचार्य

जयपुर ।राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के तीन दिवसीय प्रशिक्षण  वर्ग का समापन चरण था इस दौरान पदम श्री लक्ष्मण सिंह जी लापोडिया ने उद्बोधन देते हुए कहा कि उनके क्षेत्र मे बांध टूट गया था लंबे समय से उसका कार्य नहीं चल रहा था पानी की भारी किल्लत आ गई थी इसलिए स्व स्तर पर ही तालाब की मरम्मत करने का सोचा। इस दौरान मेरे बचपन के मित्र रामोतार कुमावत ने मेरे साथ दिया और धीरे-धीरे अन्य लोग भी जुड़ने लगे परिणाम यह हुआ कि कुछ दिनों में ही तालाब का निर्माण पूर्ण हुआ लेकिन हमने अभियान नहीं छोड़ा एक के बाद एक तालाब बनाते गए और लगभग 40 गांव में लोगों से मिलकर इस अभियान को तीव्रता से आगे बढ़ाया हर साल तालाब बनाने का लक्ष्य बनाया। 40 गांवों में लोगों का अनुभव ताजा होने लगा। धरती जंगल यात्रा शुरू की जीवो को बचाने का आह्वान किया। मोरों के संरक्षण के लिए गोचर की 10% भूमि संरक्षित की क्योंकि जीव जंतुओं को जीने का अधिकार है गरीबों के साथ सरकार का साथ हास्यासपद है। प्रजातंत्र को बचाना है। हम समझाएंगे और हमारे भारत स्वाभिमान  आंदोलन यात्रा समझायेगी।

 

पदम श्री सुंड़ाराम कुमावत ने कृषि क्षेत्र में अपने योगदान को साझा करते हुए कहां की पूरे देश का एक प्रतिशत पानी राजस्थान में है 6 करोड़ पशु और 7 करोड़ मनुष्य हैं और 30 प्रतिशत क्षेत्र में पानी है। उसमें से भी 70 से 100 प्रतिशत तक पानी निकाला जा चुका है। तीन-चार सालों में महसूस किया गया होगा कि आधा डिग्री तापक्रम बड़ा है। यदि एक डिग्री तापक्रम और बढा तो यह कृषि के लिए बड़ा नुकसानदायक होगा। तापक्रम बढ़ाने के अनेक कारण है लेकिन उसे रोकने का केवल एक ही उपाय है और वह है अत्यधिक पेड़ लगाना साथ ही पानी को पुनर्जीवित करने वाली प्राचीन पद्धतियों से भी हमें सीखना होगा। पौधे के विकास के लिए 1 लीटर पानी की आवश्यकता होती है और बाकी वह एक बार जड़ पकड़ ले उसके बाद स्वयं को जीवित रखने के साथ ही पर्यावरण को संरक्षित करने और पृथ्वी के तापक्रम को नियंत्रित करने के साथ ही अनेकों जीव जंतुओं का बसेरा बनता है। सुंड़ालाल कुमावत ने बताया कि हमारा 1 लाख पौधे लगाने का टारगेट है जिसे स्वाभिमान आंदोलन से जोड़कर आंदोलन की गति को बढ़ाएंगे प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिलना चाहिए हमने कुछ फसलों की किस्म तैयार की है जो कृषि अनुसंधान से संबंधित संस्थान के द्वारा तैयार की गई फसलों के बीजों के विपरीत बेहतर और अत्यधिक गुणवत्ता युक्त है।

राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के संस्थापक के एन गोविंदाचार्य ने कहा कि महिलाओं पर हो रहे अत्याचार और अन्याय को रोकना चाहिए। बेरोजगारी वृद्धि की रोकथाम के लिए कार्य करने चाहिए. जानवरों की उपयोगिता को समझना चाहिए शास्त्रों का महत्व देने के साथी श्रम को महत्व देना चाहिए। तकनीकी विकास ने मनुष्य को पंगू बना दिया है। देश का सामान्य आदमी गोपालन और प्राकृतिक खेती पर ध्यान दें जिससे हवा और पानी भी शुद्ध होगी और आज समापन पर्व पर आए हुए पदम श्री  सुंडाराम कुमावत और लक्ष्मण सिंह लापोड़िया द्वारा किए गए कार्य स्थलों को नए तीर्थ और इन्हे नए देवता कहकर उद्बोधित करूंगा और सभी से कामना करूंगा कि इन्होंने जिन क्षेत्रों में काम किया है उन क्षेत्रों की यात्रा करें वहां से सीखें और अपने जीवन में अंगीकार करें तथा संगठन को मजबूत बना

एं।

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SJK News Chief Editor (SJK News)