दुर्जनों की सक्रियता से अधिक खतरनाक है सज्जनों की निष्क्रियता

समाज आगे सत्ता पीछे तब होगा विकास, सत्ता आगे समाज पीछे तब होगा सत्यानाश : के एन गोविंदाचार्य

Mar 30, 2024 - 20:30
Mar 30, 2024 - 20:31
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दुर्जनों की सक्रियता से अधिक खतरनाक है सज्जनों की निष्क्रियता

जयपुर । राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के संस्थापक के एन गोविंदाचार्य ने समाज और सत्ता को लेकर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज आगे सत्ता पीछे हो तब विकास की संभावनाएं चरम पर होती हैं किंतु यदि सत्ता आगे और समाज पीछे हो तो सत्यानाश ही होता है समृद्धि और संस्कृति ही विकास है।

 दुर्जनों की सक्रियता से अधिक खतरनाक है सज्जनों की निष्क्रियता। राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन सज्जन शक्तियों का आह्वान करता है और व्यवस्था परिवर्तन की इस लड़ाई में सक्रिय भागीदारी का आमंत्रण भी देता है।

 राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन की कार्य प्रणाली को आगे बढ़ाते हुए सुरेंद्र बिष्ट द्वारा व्यवस्था परिवर्तन को लेकर उद्बोधन दिया गया और बताया कि वर्तमान में करनी और कथनी में फर्क उत्पन्न हुआ है। संगठन का उद्देश्य है की दोनों में समानताएं हो व्यवस्था ऐसी हो जिसके बल पर सामाजिक समरसता का भाव उत्पन्न हो और संगठन के सिद्धांत जिसका उद्देश्य प्रकृति प्रदत्त वातावरण तैयार करते हुए अपने मूल उद्देश्य को प्रगति पथ पर ले जाकर वास्तविक संकल्प की पूर्ति करना हैं।

राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन कि विचारधारा को संगठन में निहित कार्यकर्ताओं के विवेकशील नेतृत्व की आवश्यकता है। कार्यकर्ता अच्छाई और बुराई को जाने सही गलत का फैसला लेने में सक्षम हो और समझदारी ईमानदारी के साथ सक्रिय होकर संगठन को मजबूती प्रदान करें।

  बसवराज पाटिल ने सत्र को संबोधित करते हुए कहा भारत परस्त गरीब परस्त जन संगठन बने ताकि अंतिम सिरे के जरूरतमंद व्यक्ति तक आवश्यकता की सभी वस्तुएं पहुंचे संबोधन में उन्होंने कहा कि टेक्सटाइल मिल्स खत्म हो रही है ग्लोबलाइजेशन हो गया है इससे एक और जहां विकास हुआ है वह कहीं ना कहीं मानव के प्राकृतिक विकास को कुचल कर रख दिया है सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही हैं। जीवन में मानसिक संकट से उभरना भी महत्वपूर्ण है।

 संगठन के राष्ट्रीय सचिव प्रदीप कुमार नागपुरकर ने कहा कि संगठन कर्ता अपनी कार्य पद्धति से विशेष माहौल उत्पन्न कर मजबूती से कदम उठाते हुए स्वयं को और संगठन को एक ही समझते हुए कार्य करें। पूर्णांक संगठन बनाने में योगदान दे और संपूर्ण प्रयास राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन को प्राकृतिक विकास के विशिष्ट बिंदुओं से सुसज्जित करते हुए ऊंचाइयों तक लेकर जाये।

राष्ट्रीय सह संयोजक पूर्व विधायक नवरत्न राजोरिया ने बताया कि शनिवार को राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन जिसका सिद्धांत प्रकृति प्रदत्त विकास को महत्व देना है के महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करते हुए व्यवस्था परिवर्तन, संगठन की सामान्य कार्य पद्धति, संगठन की पहचान, भारत परस्त गरीब परस्त जन संगठन बने, संगठन के कार्य पद्धति के सुत्र,मुक्त सत्र, संगठन विस्तार व आगामी कार्य योजना एवं रणनीति आदि को लेकर सत्र हुआ।

मीडिया प्रभारी मोतीलाल वर्मा ने बताया कि प्रशिक्षण वर्ग का समापन रविवार को अपरान्ह 3 बजे से 5 बजे तक उच्च प्राथमिक आदर्श विधा मंदिर    

आदर्श नगर में आयोजित होगा। वर्मा ने बताया कि इस अवसर पर प्रबुद्धजन सम्मेलन आयोजित होगा जिसके मुख्य वक्ता के एन गोविंदाचार्य , मुख्य अतिथि भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं सांसद, महेश चंद्र शर्मा, विशिष्ट अतिथि पदमश्री लक्ष्मण सिंह लापोड़िया, अतिरिक्त महाधिवक्ता भरत व्यास, वरिष्ठ अधिवक्ता विमल चौधरी, राज उच्च न्यायालय, अरुण कुमार सत्य मूर्ति, पदमश्री सूण्डा राम कुमावत व अध्यक्षता कान्ता प्रसाद शर्मा वरिष्ठ अधिवक्ता राज उच्च न्यायालय करेंगे व स्वागताध्यक्ष प्रोफेसर विजय वशिष्ठ होगें।

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SJK News Chief Editor (SJK News)